Move to Jagran APP

Bihar Assembly Election: महागठबंधन में CM Face पर घमासान, अब उछाला मीरा का नाम

Bihar Assembly Election बिहार में विपक्षी महागठबंधन के घटक दल मुख्‍यमंत्री चेहरा के सवाल पर उलझे हुए हैं। सबों के अपने-अपने दावे हैं। इस घमासान पर आइए डालते हैैं नजर।

By Amit AlokEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 11:33 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 02:25 PM (IST)
Bihar Assembly Election: महागठबंधन में CM Face पर घमासान, अब उछाला मीरा का नाम
Bihar Assembly Election: महागठबंधन में CM Face पर घमासान, अब उछाला मीरा का नाम

पटना [अमित आलोक]। Bihar Assembly Election: बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के नजदीक आते ही महागठबंधन (Grand Alliance) में मुख्यमंत्री चेहरा (CM Face) को लेकर सियासत गरमाती जा रही है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अनुसार तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा हैं, लेकिन एक को छोड़ कोई अन्य घटक दल इसे स्वीकर नहीं कर रहेे हैंं। मुख्यमंत्री चेहरा के इस घमासान में अब कांग्रेस (Congress) भी कूद गई है। उसने पूर्व लोकसभा अध्‍यक्ष मीरा कुमार (Meira Kumar) का नाम उछालकर नया दबाव बना दिया है। साथ ही अधिक सीटों की मांग रख दी है। 

loksabha election banner

सीएम फेस के विवाद में कांग्रेस भी कूदी 

बिहार में विपक्षी गठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा कौन हो,  इसके विवाद में अब कांग्रेस भी कूद पड़ी है। कांग्रेस के तीन-तीन बड़े नेताओं ने तेजस्वी यादव की दावेदारी पर सवाल उठा दिया है। उनमें एक प्रेमचंद मिश्र ने कहा कि कांग्रेस में चेहरों की की कमी नहीं। उन्होंने पूर्व लोकसभा अध्याक्ष मीरा कुमार को बिहार का बड़ा चेहरा बताया। प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि कांग्रेस बिहार सहित देश के कई राज्यों में सत्ता में रही है और वह हर जिम्मेदारी उठाने को तैयार है। 

अपने दम पर चुनाव लड़ने का किया दावा 

कांग्रेस के शकील अहमद खान ने कहा कि जहां तक मुख्यमंत्री के चेहरे की बात है, इसका फैसला आलाकमान को करना है, लेकिन कांग्रेस में चुनाव लड़ने का दमखम है। अनिल शर्मा ने भी कहा कि कांग्रेस अकेली ऐसी पार्टी है, जो अपने दम पर चुनाव लड़ सकती है। 

सीट शेयरिंग के मुद्दे पर अभी से दबाव 

कांग्रेस मुख्यमंत्री चेहरा के साथ सीट शेयरिंग को लेकर भी दबाव बनाने में जुट गई है। प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि इस बार उनकी पार्टी गत विधानसभा चुनाव से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी। गत चुनाव में महागठबंधन में कांग्रेस को 43 सीटें मिली थीं। कांग्रेस बीते लोकसभा चुनाव में आरजेडी के समाने फजीहत झेल चुकी है। तब 11 सीटों पर डील हो जाने के बाद भी उसे नौ से ही संतोष करना पड़ा था। इस कारण वह इस बार पहले से ही दबाव बना रही है। 

आरजेडी का सर्वाधिक जनाधार का दावा 

उधर, आरजेडी ने कांग्रेस के दावे को खारिज करते हुए खुद को सबसे बड़ी पार्टी बताया है। पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी के अनुसार बिहार में उनकी पार्टी का जनाधार सर्वाधिक है। कांग्रेस की अधिक सीटों की मांग पर उन्होंने यहां तक कह दिया कि सीट सत्यनारायण भगवान का प्रसाद नहीं जो कितना भी दिया जाए। आरजेडी के सुबोध राय ने कहा कि बिहार कांग्रेस के नेताओं के बयान मायने नहीं रखते। 

तेजस्वी पर मांझी-कुशवाहा भी असहमत

जहां तक सीटों की बात है, महागठबंधन के अन्य घटक दल अब खुलकर सामने आने लगे हैं, लेकिन अभी इस मुद्दे के गरमाने में वक्‍त है। अभी मुख्‍य सवाल मुख्‍यमंत्री चेहरा का ही है। कांग्रेस के अलावा हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) व राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) की तरफ से भी मुख्यमंत्री चेहरा को लेकर आपत्ति जरूर दर्ज की गई है। 'हम' सुप्रीमो जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा है कि महागठबंधन में मुख्यमंत्री के अलावा दो उपमुख्यमंत्री (DY CM) चेहरे भी रहें, जो मुस्लिम, पिछड़ा व दलित हों। मांझी का यह फॉर्मूला तेजस्वी की उम्मीदवारी को खारिज करता है। महागठबंधन की एकमात्र पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के सुप्रीमो मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) ही तेजस्वी  के मुख्यमंत्री चेहरा के समर्थन में हैं। 

महागठबंधन में समन्य व समिति की मांग 

मांझी महागठबंधन में समन्यव समिति की मांग कर रहे हैं। यह मांग आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा व कांग्रेस की भी है। वीआइपी छोड़ सभी घटक दलों की मांग है कि महागठबंधन के बड़े फैसले समन्वय समिति करे। माना जाता है कि महागठबंधन में जीतनराम मांझी उपेंद्र कुशवाहा जैसे कई बड़ेे चेहरे मुख्‍यमंत्री पद के दावेदार हैं। समन्‍यव समिति बनने की स्थिति में इसपर आम सहमति का फाॅॅर्मूला लागू हो जाएगा। 

तीखे बयान पर डैमेज कंट्रोल की कोशिश 

मुख्यमंत्री चेहरा की बात करें तो इस मुद्दे पर आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने कहा था कि तेजस्वी ही महागठबंधन के मुख्य‍मंत्री चेहरा और लालू प्रसाद (Lalu Prasad) समन्वयक (Coordinator) हैं। जो इससे सहमत नहीं, वो महागठबंधन से जा सकता है। इस बयान के बाद डैमेज कंट्रोल में उतरे पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए सहयोगी दलों का समर्थन भी जरूरी है। केवल आरजेडी के चाहने से कोई मुख्यमंत्री नहीं बन जाएगा। 

बड़ा सवाल: कैसे सफल होगा आरजेडी?  

बहरहाल, महागठबंधन में मुख्यमंत्री चेहरा को लेकर सियासत चरम पर पहुंचती दिख रही है। इस मामले में आरजेडी के दो बड़े चेहरों जगदानंद सिंह व रघुवंश प्रसाद के परस्पर विरोधी बयानों ने दल के आंतरिक मतभेद को भी उजागर किया है। यह सवाल भी खड़ा है कि महागठबंधन का सबसे बड़ा घटक दल आरजेडी कांग्रेस सहित सभी घटक दलों के साथ समन्वय बनाते हुए कैसे सफल होगा?


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.