बरेली के आला हजरत खानदान की बहू निदा का तौकीर पर वार, परिवार की बहू को न्याय नहीं दिला पाए
बरेली इत्तेहाद ए मिल्लत कौंसिल (आइएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ घर से ही आवाज आई है। आला हजरत खानदान से तीन तलाक पर आवाज उठाने वाली निदा खान ने कहा है कि जो मुझे सहयोग नहीं कर पाए उनका प्रियंका वाड्रा को बहन कहना केवल ढोंग है।
मौलाना तौकीर पर निदा का वार, बहन की बात कहने वाले बहू को हक न दिला सके
जागरण संवाददाता, बरेली : इत्तेहाद ए मिल्लत कौंसिल (आइएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा का कांग्रेस को समर्थन देने के बाद आला हजरत खानदान की बहू रही निदा खान ने बड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि जो घर की बहू काे न्याय दिलाने में कभी सहयोग नहीं कर पाए, उनका प्रियंका वाड्रा को बहन कहना ढकोसलेबाजी है। उन्होंने भाजपा का समर्थन करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में उन्हें सहयोग मिला।
आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी चलाने वाले निदा खान का निकाह फरवरी 2015 में मौलाना तौकीर रजा के बड़े भाई अंजुम रजा के बेटे शीरान रजा खां से हुआ था। जुलाई 2015 में ही उनमें अलगाव हो गया। उसके बाद से वह न्याय के लिए लगातार कोर्ट के चक्कर लगाती रहीं। उनका आरोप है कि ससुराल पक्ष के लोगों ने कभी भी न्याय दिलाने में उनका कोई सहयोग नहीं किया। मौलाना तौकीर रजा खान के कांग्रेस को समर्थन देने के बाद उन्होंने कहा कि वह प्रियंका बाड्रा को बहन मानते हुए समर्थन करने की बात कह रहे हैं, लेकिन उन्होंने कभी अपने ही घर की बहू का साथ नहीं दिया। बोली, मौलाना की यह सब बातें सिर्फ ढकोसलेबाजी है। उन्होंने कभी महिलाओं का सम्मान नही किया। तीन तलाक की वजह से उनको कोर्ट के धक्के खाने पड़े। वह महिलाओं के मान-सम्मान को कुचलने के लिए हमेशा उनके खिलाफ फतवे जारी करते रहे। बोली, वह महिलाओं के सम्मान की बात सिर्फ कांग्रेस को जिताने के लिए कर रहे हैं। कांग्रेस पर भी निशाना साधा। बोली, कांग्रेस ने भी कभी महिलाओं के सम्मान की बात नहीं की। तीन तलाक का हमेशा विरोध किया। जब उन्हें तीन तलाक दिया गया तो सपा की सरकार थी। उन्हें न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ा और जान से मारने की धमकी भी मिली। निदा के मरने पर उसके जनाजे में कोई मुस्लिम शामिल नहीं होगा तो उसका हुक्का पानी बंद कर दिया जाएगा, ऐसी धमकियां लोगों को दी गईं। निदा ने कहा कि भाजपा की सरकार आने के बाद उन्हें सुरक्षा और न्याय मिला। मुस्लिम महिलाओं के हित के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया गया।