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बाबूलाल के सुर हुए भाजपाई, झाविमो की अगली बैठक में ला सकते हैं विलय प्रस्‍ताव

एनआरसी और सीएए के मसले पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लोगों को किसी से डरने की जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर लोगों के बीच जाकर भ्रम दूर करना चाहिए।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 09:25 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 01:27 PM (IST)
बाबूलाल के सुर हुए भाजपाई, झाविमो की अगली बैठक में ला सकते हैं विलय प्रस्‍ताव
बाबूलाल के सुर हुए भाजपाई, झाविमो की अगली बैठक में ला सकते हैं विलय प्रस्‍ताव

रांची/गिरिडीह, जेएनएन। Babulal Joins BJP भाजपा में झाविमो के विलय से पहले पार्टी की चूलें कसने में जुटे पूर्व मुख्यमंत्री और झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी के सुर भाजपाई होते दिख रहे हैं। बाबूलाल नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर केंद्र की साफगोई से वकालत करते  नजर आ रहे हैं, लेकिन भाजपा में विलय की बातों को खुलकर स्वीकार नहीं कर रहे। भाजपा-झाविमो विलय से संबंधित सवाल पूछे जाने पर उन्होंने गोलमटोल ही जवाब दिया। मरांडी शनिवार को अपने पैतृक आवास कोदईबांक में पत्रकारों से मुखातिब थे। उन्होंने प्रदेश की हेमंत सरकार में मंत्रिमंडल गठन को लेकर हो रही देरी पर भी सवाल उठाया और कहा कि इसे शीघ्र पूरा कर लेना होगा।

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मरांडी ने कहा कि एनआरसी व सीएए से लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। अलबत्ता, मुस्लिम डरे हुए हैं। इस डर से लोगों को बाहर निकालने के लिए केंद्र सरकार को जनता के बीच जाकर सही चीजें बतानी चाहिए। ङ्क्षहदू मुस्लिम आपस में उलझ रहे हैं, जो गलत है। उन्होंने कहा कि हेमंत नीत सरकार को उन्होंने बिना शर्त समर्थन दिया है, लेकिन दुख की बात है कि लंबे समय के बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो सका है। अगर आज यह स्थिति है तो राम जाने कल क्या होगा। 

अगली बैठक में रख सकते हैं विलय का प्रस्ताव

झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी भले ही इसे स्वीकार न कर रहे हों कि पार्टी का विलय भाजपा में होगा, पंरतु इसे लेकर सुगबुगाहट भी दिख रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी कार्यसमिति की अगली बैठक में मरांडी विलय की संभावनाओं पर चर्चा कर सकते हैं। इसके बाद ही विलय की प्रक्रिया शुरू होगी। अभी पार्टी कार्यसमिति की कोई बैठक नहीं बुलाई गई है।


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