Ayodhya Babri Masjid Demolition Anniversary : अयोध्या में विवादित ढांचा के विध्वंस की आज 27वीं बरसी, हाई अलर्ट पर रामनगरी के साथ उत्तर प्रदेश
Ayodhya Babri Masjid Demolition Anniversary अयोध्या में रामलला का मंदिर बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह पहली बरसी है। इसको लेकर अयोध्या में सुरक्षा काफी चौकस है।
लखनऊ, जेएनएन। Ayodhya Babri Masjid Demolition Anniversary अयोध्या में विवादित ढांचा की आज 27वीं बरसी को लेकर रामनगरी के साथ उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट है। अयोध्या में रामलला का मंदिर बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह पहली बरसी है। इसको लेकर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था काफी चौकस है।
फैसले के बाद ही अयोध्या में 15 दिसंबर तक धारा 144 लागू है, आज इसमें और सख्ती की गई है। केंद्रीय बल के जवानों के साथ स्थानीय पुलिस भी यहां पर हर गतिविधि पर नजर रखे है। इसके साथ ही लखनऊ, वाराणसी व मथुरा में भी सुरक्षा एजेंसियां काफी सतर्क हैं। अयोध्या प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से शहर की सड़कों पर रूट मार्च किया। राम जन्मभूमि जाने वाले सभी मार्गों पर बैरिकेडिंग लगा दी गई है। 9 नवंबर को अयोध्या विवाद पर फैसला आने के समय प्रशासन ने जो सुरक्षा के इंतजाम किए थे वही सुरक्षा के इंतजाम 6 दिसंबर को भी लेकर किए जा रहे हैं। शुक्रवार होने की वजह से बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज जुमे की नमाज अदा करेंगे।
बड़ी संख्या में सुरक्षाबल अयोध्या की सीमा में तैनात हैं। जन्मभूमि जाने वाले मार्गों को बैरिकेड कर दिया गया है। अयोध्या में सभी प्रवेश द्वारों पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल सघन चेकिंग अभियान चला रहे हैं। आने जाने वालों वाहनों को चेक किया जा रहा है. साथ ही उनका आधार कार्ड और निवास प्रमाण का जायजा लिया जा रहा है। सुरक्षा व्यवस्था की कमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वयं अपने हाथ में लिए हुए हैं। अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था में 5 अपर पुलिस अधीक्षक 10 क्षेत्राधिकारी 35 स्पेक्टर 140 सब इस्पेक्टर और 350 सिविल पुलिस, 100 महिला पुलिस, 39 कंपनियां पीएसी व एटीएस कमांडो को तैनात किया गया है। अयोध्या क्षेत्र को चार जोन और 10 सेक्टर और 14 सब सेक्टर में बांटा गया है। इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि आम जनजीवन को कम-से-कम असुविधा हो।
छह दिसंबर यानी आज अयोध्या में विवादित ढांचा की की 27वीं तथा सुप्रीम कोर्ट का फैसला रामलला के पक्ष में आने के बाद पहली बरसी है। अयोध्या में सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। अयोध्या में विवादित ढांचे को छह दिसंबर 1992 को तोड़ा गया था। इसको लेकर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर को फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर को अयोध्या मामले में रामलला विराजमान के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिमों को अयोध्या में अलग से 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई थी। इस दौरान वहां पर काफी शांति थी और किसी तरह की कोई हिंसा देखने को नहीं मिली थी।
न शौर्य का इजहार न ही गम का स्यापा
रामजन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इस बार छह दिसंबर को न कहीं पर भी शौर्य का इजहार होगा और न ही गम का स्यापा। सधे कदमों से रामनगरी इस छह दिसंबर को सौहार्द और शांति के साथ गुजार देने के इरादे से भरी है। इसकी पहल किसी एक या दो नहीं, बल्कि शौर्य और गम के प्रमुख स्तंभों ने की है। एक ओर जहां विहिप ने पहले ही छह दिसंबर को खास दिन की तरह नहीं मनाने का एलान कर दिया है तो दूसरी ओर मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी रस्मी आयोजनों से स्वयं को अलग कर लिया है। एक अन्य मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने अपने आवास पर होने वाला यौमे गम का कार्यक्रम निरस्त कर दिया है। शहर के साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी कुछ इसी तरह के स्वर हैं। इन स्वरों की प्रतिध्वनि गुरुवार को ही महसूस होने लगी। यहां पर सुरक्षा व्यवस्था तारीखी गवाही भले दे पर माहौल में घुला सौहार्द का रंग हर बार से च्यादा चटख नजर आया।
रामनगरी प्रतीकात्मक आयोजनों से मुक्त
27 वर्ष में ऐसा पहली बार हो रहा है जब रामनगरी दिन विशेष के प्रतीकात्मक आयोजनों से मुक्त रहेगी। गत वर्षों में अयोध्या में छह दिसंबर जहां शौर्य और यौमे गम के आयोजनों में तल्लीन रहता था, तो इस वर्ष वह इससे मुक्ति के भाव में भरा हुआ होगा। चाहे छह दिसंबर को कारसेवकपुरम में होने वाले विहिप के शौर्य दिवस को ले लीजिए अथवा हाजी महबूब के आवास पर होने वाले यौमे गम को। इन आयोजनों की धमक एक-दो दिन पूर्व ही सुनाई देने लगती थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पहली छह दिसंबर संतुष्टि के भाव से भरी होने के संकेत गुरुवार को ही मिल गये, हालांकि सुरक्षा व्यवस्था हर बार की तरह ही सख्त है।
अयोध्या जिले की सीमा पर पुलिस के साथ ही अर्ध सैनिक बलों को तैनात किया गया है तो रामनगरी में चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती है। निगरानी के लिए अयोध्या को पांच जोन व दस सेक्टरों में बांटा गया है। गैर जिलों के भी पुलिस व प्रशासनिक अफसरों की तैनाती की गई है। खुफिया कर्मियों को भी सतर्क किया गया।
शहर से लेकर गांव तक पुलिस का रूटमार्च
छह दिसंबर को लेकर शहर से लेकर गांव तक पुलिस ने आरएएफ और पीएसी के जवानों के साथ रूट मार्च कर शांति की अपील की। संवेदनशील क्षेत्रों में खासी सतर्कता बरती जा रही है। गलियों से चौराहों तक पुलिस की तैनाती कर दी गई है। खुफियाकर्मी रामनगरी से गांव तक हर गतिविधि पर नजर रखे हैं। जिला प्रशासन ने खुशी व गम का इजहार करने वाले कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है। देर शाम जिलाधिकारी अनुज कुमार झा और एसएसपी आशीष तिवारी ने फोर्स के साथ शहर में रूट मार्च किया।
संवेदनशील क्षेत्रों में शांति बनाए रखने की अपील
एडीएम प्रशासन एसके सिंह ने बताया कि धारा 144 का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। गुरुवार को अयोध्या में सीओ अयोध्या अमर सिंह व शहर में सीओ सिटी अरविंद चौरसिया की अगुवाई में रूट मार्च किया गया। अति संवेदनशील क्षेत्रों में आरएएफ, पीएसी और पुलिस के जवानों ने मार्च कर शांति बनाए रखने की अपील की। एडीएम प्रशासन व एसपी ग्रामीण की अगुवाई में ग्रामीण क्षेत्र कुमारगंज, इनायतनगर, बारुन, अमानीगंज में गोसाईंगंज में रूट मार्च किया गया। एसएसपी ने शाम अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। शुक्रवार की नमाज को सकुशल संपन्न कराने के लिए जिलाधिकारी ने जोन व सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की है।
जिले की सीमाओं में पर गिरा बैरियर
जिले की सीमाओं पर गुरुवार शाम बैरियर गिरा दिए गए। जिले में प्रवेश करने वाले वाहनों की सघन चेकिंग करने और आइडी चेक करने के बाद प्रवेश दिया जा रहा है। शांति व्यवस्था के लिए गोसाईंगंज थाना, अमसिन बाजार व दिलासीगंज बाजार में पीस कमेटी की बैठकें हुई।