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CAA का विरोध पर अल्पसंख्यक आयोग की अपील, राष्ट्रदोही व असमाजिक तत्वों के बहकावे में न आएं

अल्पसंख्यक आयोग ने कहा कि CAA पाकिस्तान बांग्लादेश व अफगानिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों के लिए है। इससे भारत में रहने वाले किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 10:13 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 10:21 PM (IST)
CAA का विरोध पर अल्पसंख्यक आयोग की अपील, राष्ट्रदोही व असमाजिक तत्वों के बहकावे में न आएं
CAA का विरोध पर अल्पसंख्यक आयोग की अपील, राष्ट्रदोही व असमाजिक तत्वों के बहकावे में न आएं

लखनऊ, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध कर रहे लोगों से उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने किसी भी बहकावे में न आने की अपील की है। आयोग ने कहा कि राष्ट्रद्रोही व असमाजिक तत्वों के बहकावे में न आएं। किसी भी असमाजिक कार्यों में सहभागी न बनें और न ही उग्र प्रदर्शन करके सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले कृत्य करें। 

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आयोग के सदस्य सरदार परविन्दर सिंह, कुंवर सैयद इकबाल हैदर व रूमाना सिद्दीकी ने कहा कि यह कानून भारत वर्ष के बाहर पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों के लिए है। इस कानून से भारत में रहने वाले किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। प्रदेश में अल्पसंख्यकों को कई असामाजिक संगठन व विदेशी ताकतें यह कहकर प्रचारित कर रही हैं कि यह कानून उनकी नागरिकता छीन लेगा। यह सरासर गलत है। यह कानून तीन देशों में अमानवीय व्यवहार सह रहे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के लिए है। इनकी हालत वहां बहुत दयनीय है। इनमें सिख, बौद्ध, जैन व हिंदू शामिल हैं।

बता दें कि मुस्लिम समुदाय में सीएए के बारे में पैदा हुई गलतफहमी और उनके बीच भय दूर करने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग उत्तर प्रदेश और देश के दूसरे हिस्सों में सेमिनार आयोजित कर रहा है। आयोग के अध्यक्ष सैयद घयोरुल हसन रिजवी के अनुसार उत्तर प्रदेश के छह शहरों में सेमिनारों का आयोजित शुरू किया गया है। बंगाल के शहरों के अलावा हैदराबाद और मंगलुरु में भी सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। मुख्य रूप से बुद्धिजीवी, इमाम और मुस्लिम समुदाय के प्रमुख लोग सेमिनार में हिस्सा लेंगे। सीएए पर संवाद भी होगा।


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