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ममता ने चुनाव से पहले पुजारियों के लिए 1000 रुपये मासिक भत्ता व मुफ्त आवास दिलाने की घोषणा की

8000 से अधिक गरीब सनातन ब्राह्मण पुजारियों को मिलेगा लाभ। ममता ने राज्य में नई हिंदी अकादमी व दलित साहित्य अकादमी स्थापित करने की भी घोषणा की।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 05:49 PM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 07:50 PM (IST)
ममता ने चुनाव से पहले पुजारियों के लिए 1000 रुपये मासिक भत्ता व मुफ्त आवास दिलाने की घोषणा की
ममता ने चुनाव से पहले पुजारियों के लिए 1000 रुपये मासिक भत्ता व मुफ्त आवास दिलाने की घोषणा की

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को पुजारियों के लिए बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 8,000 से अधिक गरीब सनातन ब्राह्मण पुजारियों को 1,000 रुपये का मासिक भत्ता देगी। साथ ही जिन पुजारियों के पास घर नहीं है उन्हें बांग्ला आवास योजना के तहत मुफ्त में आवास देने की भी उन्होंने घोषणा की। ममता ने इसके अलावा हिंदी दिवस के मौके पर राज्य में एक नई हिंदी अकादमी के साथ दलित साहित्य अकादमी स्थापित करने की भी घोषणा की। 

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सनातन ब्राहमण संप्रदाय को मुफ्त में जमीन

राज्य सचिवालय नवान्न में पत्रकारों से बात करते हुए ममता ने कहा कि हमने इससे पहले कोलाघाट में एक अकादमी स्थापित करने के लिए सनातन ब्राहमण संप्रदाय को मुफ्त में जमीन भी प्रदान किया था। 

संप्रदाय के कई पुजारी आर्थिक रूप से कमजोर

मुख्यमंत्री ने कहा, 'इस संप्रदाय के कई पुजारी आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हैं। उनकी तरफ से राज्य सरकार के पास मदद के लिए लगातार मांगें की जा रही थी। पुजारियों के संगठन ने हमसे कई बार मुलाकात भी की थी। इसको देखते हुए हमने उन्हें हर महीने 1000 रुपये भत्ते देने के साथ मुफ्त आवास प्रदान करने का फैसला किया है।' 

फिलहाल 8,000 पंजीकृत पुजारियों की लिस्ट

ममता ने कहा कि उनके पास फिलहाल 8,000 पंजीकृत पुजारियों की लिस्ट है जो विभिन्न मंदिरों में पूजा करते हैं। उन सभी को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों को दुर्गा पूजा से पहले ही पुजारियों को पेंशन जारी करने का भी निर्देश दिया। 

इमाम व मोअज्जिमों के लिए कर चुके घोषणा

उन्होंने कहा कि इससे पहले मस्जिदों के इमाम व मोअज्जिमों के लिए भी हमारी सरकार ने मासिक भत्ते की घोषणा की थी। लेकिन इसको लेकर कुछ राजनीतिक दलों ने दुष्प्रचार किया। परंतु मैं साफ करना चाहता हूं कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। 

राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए

पुजारियों को पेंशन देने का राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिख, ईसाई व अन्य धर्मों की तरफ से भी यदि इस तरह की मांग आती है तो उनकी सरकार इस पर विचार करेगी। 

चुनाव से पहले पिटारा खोलकर बड़ा दांव चला

बताते चलें कि अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की राजनीति करने व कथित हिंदू विरोधी होने को लेकर भाजपा लगातार ममता को घेरती रही है। ऐसे में चुनाव से पहले ममता ने पुजारियों के लिए अपना पिटारा खोलकर बड़ा दांव चल दिया है।  

नई हिंदी अकादमी बनाने की भी घोषणा की 

वहीं, हिंदी दिवस के मौके पर लोगों को बधाई देते हुए ममता ने कहा कि उनकी सरकार सभी भाषाओं का सम्मान करती है और भाषाई पूर्वाग्रह नहीं रखती है। उन्होंने कहा कि हमने एक नई हिंदी अकादमी बनाने का फैसला किया है। इसके साथ एक दलित साहित्य अकादमी स्थापित करने का भी फैसला किया है।


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