Rajasthan Politics : राजस्थान के सियासी संकट के बीच आमने-सामने हुई केंद्र व राज्य सरकार की एजेंसी
Rajasthan Political Crisis राजस्थान के सियासी संकट के बीच आमने-सामने हुई केंद्र व राज्य सरकार की एजेंसी-जांच एजेंसियों के निशाने पर केंद्रीय मंत्री से लेकर विधायक तक
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में चल रहे सियासी संघर्ष के बीच प्रदेश की एजेंसी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी), राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी ) एवं एंटी टेरेरिस्ट क्वेड(एटीएस) और केंद्र सरकार की एजेंसियां केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), आयकर विभाग (इनकम टैक्स डिपार्टमेंट) एवं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आमने-सामने नजर आ रहे हैं ।
केंद्रीय जांच एजेंसियों ने जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रिश्तेदारों व करीबियों पर शिकंजा कसा है, वहीं राज्य की एजेंसियों ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व भाजपा नेताओं के साथ ही कांग्रेस के बागियों को निशाने पर लिया है ।
राज्य की एजेंसियों के निशाने पर केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के बागी
9 जून को राज्य के सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी की शिकायत पर एसओजी ने सरकार गिराने की साजिश का मुकदमा दर्ज किया। इस मामले में भाजपा के निकट माने जाने वाले अशोक सिंह व भरत मालानी को गिरफ्तार किया गया। एसओजी के साथ ही एसीबी ने भी मामला दर्ज किया। इन पर आरोप लगा कि ये आदिवासी विधायकों से संपर्क कर गहलोत सरकार गिराने की साजिश कर रहे थे। फिलहाल ये दोनों जेल में हैं। इनके संपर्क वाले आदिवासी इलाके के दो भाजपा नेताओं से भी पूछताछ की गई।
इस मामले में एसओजी ने 12 जुलाई को सीएम गहलोत, सचिन पायलट सहित 13 लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा। इसी नोटिस को लेकर पायलट ने गहलोत के खिलाफ मुद्दा बना लिया और खुद की मानहानी बताया। विधायकों की खरीद-फरोख्त और सरकार गिराने की साजिश के मामले में एसओजी व एसीबी ने तीन निर्दलीय विधायकों सुरेश टांक, खुशवीर सिंह और ओमप्रकाश हुड़ला के खिलाफ मामला दर्ज किया। तीनों निर्दलीय विधायकों की कांग्रेस ने संबद्धता समाप्त कर दी।
इसके बाद 18 जुलाई को मुख्यमंत्री के मीडिया ओएसडी लोकेश शर्मा की तरफ से तीन ऑडियो जारी किए गए । इनमें कथित रूप से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कांग्रेस के बागी विधायक विश्वेंद्र सिंह व भंवरलाल शर्मा के साथ ही भाजपा के करीबी व्यापारी संजय जैन की आवाज होने की बात कही गई। इनकी आपसी बातचीत में विधायकों की खरीद-फरोख्त व गहलोत सरकार गिराने की बात सामने आई। इस पर एसओजी ने शेखावत, विश्वेंद्र सिंह,शर्मा व जैन के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया । चारों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया । जैन को गिरफ्तार किया गया। दोनों विधायकों को तलाश करने के लिए एसओजी की टीम ने कई बार मानेसर में छापे मारे। लेकिन वे नहीं मिले।
एसओजी के बाद एसीबी ने भी चारों के खिलाफ मामला दर्ज किया। पिछले सप्ताह संजीवनी क्रेडिट सोसायटी के खिलाफ घोटाले, लोगों के पैसों का गबन करने का मामला दर्ज किया गया । इसमें केंद्रीय मंत्री शेखावत को भी नामजद किया गया। आरोप है कि शेखावत और सोसायटी के संचालक विक्रम सिंह के बीच कई काम धंधों में पार्टनरशिप रही है। सोसायटी का जोधपुर में जिस जमीन पर कार्यालय बना है, उसका पट्टा शेखावत के नाम है। एसओजी इस मामले की जांच कर रही है।
केंद्रीय एजेंसियों ने इस तरह की कार्रवाई
12 जुलाई को आयकर विभाग और ईडी ने सीएम गहलोत के विश्वस्त प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजीव अरोड़ा, होटल व्यवसायी रतनकांत शर्मा, ओम मेटल्स के मालिक सी.पी.कोठारी व धर्मेंद्र राठौड़ के यहां छापे मारे। यह कार्रवाई चार दिन तक चली। अब इन्हे पूछताछ का नोटिस दिया गया है।
जांच में सामने आया कि रतनकांत शर्मा के साथ सीएम के बेटे वैभव गहलोत के व्यापारिक संबंध है। इस पर वैभव गहलोत को भी पूछताछ का नोटिस दिया गया है। इसके एक सप्ताह बाद पुलिस थाना अधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई की आत्महत्या मामले में कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया,सीएम के ओएसडी देवाराम व पीएसओ किशोरी से सीबीआई ने पूछताछ की।
इसके बाद फिर सीएम गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के जोधपुर स्थित ठिकानों पर छापे मारे। अग्रसेन पर आरोप है कि किसानों को मिलने वाली सब्सिडाइज पोटाश को केमिकल बता कर एक्सपोर्ट कर दिया। जांच में वैभव गहलोत के ओम मेटल से भी व्यापारिक संबंध होने की बात सामने आई। ईडी ने सीएम के विश्वस्त पूर्व सांसद बद्री जाखड़ के यहां भी छापेमारी की।