झारखंड: बगावत पर उतारू हैं कांग्रेसी, विपक्षी महागठबंधन अंदरूनी राजनीति में उलझा
Jharkhand Congress. कांग्रेस में गोड्डा सीट झाविमो को देने का प्रबल विरोध हो रहा है। इनकी मांगें नहीं माने जाने पर विधायक और जिलाध्यक्ष इस्तीफा भी दे सकते हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में भाजपा के खिलाफ बना आधा-अधूरा विपक्षी महागठबंधन अंदरूनी राजनीति में उलझा है। इसका खामियाजा प्रदेश कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है। संताल परगना की गोड्डा लोकसभा सीट झारखंड विकास मोर्चा के खाते में जाने की संभावना से कांग्रेसी बौखलाए हुए हैं। इससे नाराज पार्टी के कई नेता बगावत पर उतारू हैं। वे अपनी बातों से आलाकमान को अवगत कराने मंगलवार को नई दिल्ली का रूख करेंगे। अगर उनकी बातें नहीं मानी गई तो संताल परगना के कांग्रेस जिलाध्यक्ष व अग्रिम संगठनों के अध्यक्ष इस्तीफा भी सौंप सकते हैं।
इसके अलावा जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी भी त्यागपत्र दे सकते हैं। कांग्रेस के एक वरीय नेता के मुताबिक तमाम परिस्थिति से पार्टी आलाकमान को अवगत करा दिया गया है। यह भी संदेश दिया गया है कि महागठबंधन की राजनीति के कारण पार्टी में टूट की नौबत आ गई है। अगर ऐसा हुआ तो संताल परगना में कांग्र्रेस को झटका लगेगा। कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि गोड्डा सीट पर पूर्व सांसद फुरकान अंसारी का हक बनता है। पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद उन्होंने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी जबकि सीट की दावेदारी कर रहे झारखंड विकास मोर्चा का प्रत्याशी तीसरे स्थान पर था। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर गोड्डा सीट पर कांग्र्रेस की दावेदारी बनती है।
गोड्डा कांग्रेस की परंपरागत सीट : इरफान
जामताड़ा के विधायक डा. इरफान अंसारी का कहना है कि गोड्डा कांग्र्रेस की परंपरागत सीट है। झारखंड विकास मोर्चा को यह सीट देने से गलत संदेश जाएगा। मोर्चा कभी यह सीट जीत नहीं सकता। कांग्र्रेस आलाकमान को कार्यकर्ताओं की भावना समझनी चाहिए। पार्टी को चाहिए कि जल्द से जल्द इस बात का एलान करे कि गोड्डा सीट से कांग्र्रेस का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा। हमें भरोसा है कि आलाकमान जमीनी हकीकत को समझकर निर्णय करेगा।