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Lok Sabha Election Results: तेज प्रताप पर सबकी नजर, क्‍या अपने अर्जुन के खिलाफ छेड़ेंगे नया महाभारत?

Lok Sabha Election Results चुनाव परिणाम लालू परिवार व राजद का भविष्‍य भी तय करेगा। महागठबंधन की हार के कारण पार्टी व परिवार से नाराज चल रहे तेज प्रताप को बोलने का मौका मिलेगा।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 07:03 AM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 10:23 PM (IST)
Lok Sabha Election Results: तेज प्रताप पर सबकी नजर, क्‍या अपने अर्जुन के खिलाफ छेड़ेंगे नया महाभारत?
Lok Sabha Election Results: तेज प्रताप पर सबकी नजर, क्‍या अपने अर्जुन के खिलाफ छेड़ेंगे नया महाभारत?
पटना [अरविंद शर्मा]। लोकसभा चुनाव के नतीजे के साथ ही गुरुवार को दोनों गठबंधनों, दलों और दिग्गजों में मंथन का दौर शुरू हो गया है। अब परिणाम का विश्लेषण होगा। आरोप-प्रत्यारोप या शाबाशी का सिलसिला भी चलेगा। पार्टी और परिवार से अबतक दाएं-बाएं चल रहे लालू के बड़े लाल तेज प्रताप यादव बिहार में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहेंगे।
अबतक के तेवर का संकेत है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद का प्रदर्शन अनुकूल नहीं रहने के कारण तेज प्रताप के वाणी-व्यवहार पर अंकुश लगाना लालू परिवार के लिए मुश्किल होगा। राजद के एक शीर्ष नेता का मानना है कि संतोषजनक प्रदर्शन के बाद भी तेज प्रताप तकरार के अन्य बहाने तलाश सकते हैं।

पार्टी और परिवार में रहकर भी अलग रास्ते पर सफर
लालू परिवार में सम्मानजनक भागीदारी और टिकटों में हिस्सेदारी की मांग पर अड़े तेज प्रताप के तेवर ने अभी तक तेजस्वी को काफी परेशान किया है। पार्टी और परिवार में बने रहकर भी वह अलग रास्ते पर बढ़ रहे हैं। राजद से अलग लालू-राबड़ी मोर्चा बना रखा है। यहां तक कि जहानाबाद से राजद के अधिकृत प्रत्याशी के मुकाबले में अपनी पसंद का अलग प्रत्याशी उतारा। उसके पक्ष में प्रचार भी किया।

पराजय के हाल में अब खोलेंगे मुंह
स्पष्ट है कि आगे भी वह चुपचाप बैठने वाले नहीं हैं। पराजय के हाल में उनका मुंह खुलेगा, क्योंकि करीब साल भर बाद होने वाले विधानसभा चुनाव पर उनकी नजर है। उन्होंने पहले ही एलान कर रखा है कि बिहार विधानसभा की सभी 243 क्षेत्रों में चुनावी यात्राएं करेंगे। राजद के विधायकों और टिकट के दावेदारों की हैसियत का आकलन करेंगे।
पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक के लिए अर्जी देने के बाद से राबड़ी आवास से अलग रहते आ रहे तेज प्रताप के अडिय़ल और सख्त रवैये से राजद असहज हो सकता है। तेजस्वी की स्वीकार्यता को लेकर भी सवाल उठ सकते हैं।

कम नहीं होगी तेजस्वी की परेशानी
अब तेजस्वी की परेशानी कम नहीं होगी। तेजस्वी पर हमले के लिए तेज प्रताप को मौका मिल गया है। ऐसी स्थिति में वे दावा कर सकते हैं कि उनकी ही बात सही थी। तेज प्रताप ने कई प्रत्याशियों को बदलने के लिए तेजस्वी पर दबाव बनाया था। वे तेजस्वी की सलाहकार टीम से भी खफा हैं। उद्गार भी व्यक्त कर चुके हैं। हार के बाद उन्हें हमले का बहाना मिलेगा।

मीसा भारती भी हो सकती हैं मुखर
हार-जीत का लालू परिवार में सबसे ज्यादा असर मीसा भारती पर पडऩे वाला है। मीसा पाटलिपुत्र से राजद की प्रत्याशी हैं। राज्यसभा में अभी उनका चार साल का कार्यकाल बचा हुआ है। इसी आधार पर राजद के नए नेतृत्व द्वारा मीसा के बदले विधायक भाई वीरेंद्र की उम्मीदवारी पर विचार किया जा रहा था, लेकिन तेज प्रताप ने दबाव बनाकर भाई वीरेंद्र की संभावनाओं को खारिज किया और अपनी बड़ी बहन की उम्मीदवारी पक्की की।

हार के बाद मीसा को पार्टी में उन्हें प्रखर-मुखर होने से कोई रोक नहीं सकता है, क्योंकि लालू के जेल जाने के बाद तेजस्वी ने पार्टी और गठबंधन को अपने तरीके से चलाया। चुनाव की प्रक्रिया में भाई-बहनों या मां राबड़ी देवी से कोई खास मशवरा नहीं किया है। हार की वजह भितरघात को भी बताया जा सकता है।

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