Agricultural Reform Bills : यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा- किसानों को तीन दिन में मिलेगा फसल भुगतान
बिचौलियों से कांग्रेस की मिलीभगत होने का आरोप लगाते हुए यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि पहली बार सरकार ने किसानों को अपनी उपज बेचने पर अधिकतम तीन दिन में भुगतान मिलने की व्यवस्था की गयी है। अभी तक ऐसा नहीं हो पाता था।
लखनऊ, जेएनएन। कृषि सुधार बिल को लेकर विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने किसानों का अहित नहीं होने देने का भरोसा दिलाया। गुरुवार को पत्रकार वार्ता में उन्होंने विपक्ष के उठाए जा रहें सवालों पर पलटवार भी किया।
बिचौलियों से कांग्रेस की मिलीभगत होने का आरोप लगाते हुए यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि पहली बार सरकार ने किसानों को अपनी उपज बेचने पर अधिकतम तीन दिन में भुगतान मिलने की व्यवस्था की गयी है। अभी तक ऐसा नहीं हो पाता था और किसानों को आढ़तियों के चक्कर लगाने पड़ते थे। उन्होंने कहा कि यदि कोई खाद्य कंपनी समझौते के बावजूद किसानों को उपज का भुगतान नहीं कर पाती है तो कड़े जुर्माने का प्राविधान भी किया गया है।
स्वतंत्र देव सिंह ने विपक्ष के किसानों की भूमि पूंजीपतियों के बेचने अथवा गिरवी रखने जैसी भ्रांति फैलाने पर भी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि कृषि विधेयक में किसानों की भूमि की बिक्री या गिरवी रखना पूर्णत: निषिद्ध है। उन्होंने बताया कि यदि कोई विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है तो एसडीएम के जरिए समाधान कराने की व्यवस्था है। किसानों पर बकाया होने की स्थिति में जमीन पर किसी तरह की कार्रवाई करने का अधिकार विधेयक नहीं देता है।
एमएसपी घोषित करके आईना दिखाया : यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित करके भ्रम फैलाने की कोशिश में लगे विपक्ष को आईना दिखाया है। उन्हाेंने कहा कि किसानों को एमएसपी का सुरक्षा कवच बरकरार रखा जाएगा। सरकारी खरीद व्यवस्था भी जारी रहेगी। सरकार ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 रुपये प्रति क्विंटल, चना में 225, जौ में 75, मसूर में 300 व सरसों में 225 रुपये प्रति क्विंटल दर ऐतिहासिक वृद्धि की है।
कांग्रेस अपने घोषणा पत्र को भूली : यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने वर्ष 2019 के घोषणा पत्र के 11 वें बिंदू में एपीएमसी (कृषि उपज विपणन समिति) कानून हटाने का वादा किया था लेकिन राहुल गांधी उसको भूल विरोध में जुटे है।