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Rajasthan: विधानसभा में विश्वास मत के दौरान गायब होने वाले भाजपा विधायकों पर कार्रवाई के संकेत

Rajasthan Assembly राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सदन में चर्चा के दौरान विधायकों का इस तरह जाना लापरवाही है। हमने इसे गंभीरता से लिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 04:46 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 07:11 PM (IST)
Rajasthan: विधानसभा में विश्वास मत के दौरान गायब होने वाले भाजपा विधायकों पर कार्रवाई के संकेत
Rajasthan: विधानसभा में विश्वास मत के दौरान गायब होने वाले भाजपा विधायकों पर कार्रवाई के संकेत

राज्य ब्यूरो, जयपुर। Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में 14 अगस्त को विश्वास मत के दौरान सदन में बिना बताए गायब होने वाले भाजपा के चार विधायकों पर पार्टी ने कार्रवाई के संकेत दिए हैं। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इसे लापरवाही मानते हुए कहा कि इस बारे में पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर निर्णय किया जाएगा। राजस्थान विधानसभा में अशोक गहलोत सरकार के विश्वास मत पर चर्चा के दौरान भाजपा के चार विधायक गोपाल मीणा, हरेंद्र निनामा, गौतम मीणा व कैलाश मीणा पार्टी व्हिप के बावजूद बिना बताए गायब हो गए थे। इसके चलते पार्टी ने मत विभाजन की मांग भी नहीं की। इस मसले को गंभीर मानते हुए पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने इन चारों को गुरुवार को जयपुर बुलाया था।

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यहां सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने उनसे अलग-अलग मुलाकात कर स्पष्टीकरण लिया। मुलाकात के बाद सतीश पूनिया ने कहा कि सदन में महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान भाजपा विधायकों का इस तरह जाना लापरवाही है। हमने इसे गंभीरता से लिया है। विधायकों ने जो कारण बताए है, उनके बारे में पार्टी के अन्य नेताओं से चर्चा कर निर्णय करेंगे। वहीं, गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि जो फीडबैक हमें मिला है. उससे इनके द्वारा आए जवाब को मिलाया जाएगा और फिर चर्चा कर हम लोग इनके बारे में कोई निर्णय लेंगे। वहीं, इन विधायकों ने मीडिया से भी बात की।

जानें, विधायकों ने क्या कहा

विधायक गोपीचंद मीणा ने कहा कि सत्र के दौरान ही उनकी तबीयत खराब हो गई थी और जब सदन की कार्रवाई पहली बार स्थगित हुई तो वह खराब स्वास्थ्य के चलते ही वहां से निकल गए। मीणा ने यह भी कहा कि वे शुरू से पार्टी के सच्चे सिपाही रहे हैं।

वहीं, विधायक कैलाश मीणा ने कहा कि जो भी सवाल पूछे गए उनका जवाब पार्टी नेतृत्व को बता दिया है। मीणा ने कहा कि वो विधानसभा सत्र के दौरान सदन से व्यक्तिगत कार्य के चलते चले गए थे, लेकिन तब तक तय हो चुका था कि पार्टी सदन में अविश्वास प्रस्ताव नहीं लेकर आएगी।

हरेंद्र निमामा ने कहा कि वह सदन से बाहर जरूर गए थे, लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि बात इतनी बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि वो बाहर व्यक्तिगत काम से गए थे, लेकिन बरसात के चलते फिर वो वापस विधानसभा नहीं आ पाए।

गौतम मीणा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के समक्ष उन्होंने अपनी बात रख दी है और जो सवाल पूछे गए थे उसके जवाब भी दे दिया है।

गौरतलब है कि राजस्थान के सियासी संकट के दौरान भाजपा को भी अपने कुछ विधायकों को राज्य से बाहर घेराबंदी के तहत भेजना पड़ा था और ये चारों भी उन विधायकों में शामिल थे, जो गुजरात भेजे गए थे। 


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