महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर UP विधानमंडल का विशेष सत्र : कांग्रेसी किले की बुनियाद हिलाने में जुटी भाजपा
अमेठी पहले ही छीन चुकी भाजपा अब यूपी में कांग्रेस के इकलौते किले रायबरेली की बुनियादें हिलाने में भी जुट गई है।
लखनऊ, जेएनएन। अमेठी पहले ही छीन चुकी भाजपा अब यूपी में कांग्रेस के इकलौते किले रायबरेली की बुनियादें हिलाने में भी जुट गई है। विशेष सत्र के दौरान दो दिनों में हुए घटनाक्रम ने सत्ताधारी दल की रणनीति और कमजोर होती कांग्रेस की काफी हद तक तस्वीर साफ कर दी है। विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल न होकर कांग्रेस ने भाजपा का शो फीका करने की कोशिश की, लेकिन रायबरेली सदर की कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने सदन में उपस्थित होकर अपने ही दल के अभियान को पलीता लगा दिया। इसी तरह अब तक पर्दे के पीछे से भाजपा का साथ दे रहे हरचंदपुर से कांग्रेस विधायक राकेश सिंह ने गुरुवार को सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आज का 'महात्मा गांधी' कह कर अपनी मंशा साफ कर दी।
भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की परंपरागत सीट अमेठी जीतकर राहुल गांधी को न केवल अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया, बल्कि रायबरेली में भी चूलें हिला दीं। रायबरेली से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चुनाव जीत गईं, लेकिन भाजपा ने वहां उनके प्रमुख सहयोगियों को अपने पाले में करने का सिलसिला शुरू कर दिया। चुनाव से पहले विधान परिषद में कांग्रेस दल नेता दिनेश प्रताप सिंह को भाजपा ने अपने पाले में कर लिया। दिनेश ने लोकसभा चुनाव में सोनिया को जबर्दस्त टक्कर देते हुए उनकी जीत का अंतर कम किया।
दिनेश सिंह के बाद अदिति सिंह के सुर अपने दल के खिलाफ हो गए हैं। रायबरेली के पूर्व विधायक अखिलेश सिंह की पुत्री अदिति सिंह को 2017 में चुनाव मैदान में उतारकर कांग्रेस ने अपनी जमीन मजबूत की थी, लेकिन अब निगाहें अदिति के अगले कदम पर टिकी हैं। उम्मीद यही है कि वह भाजपा का दामन थामेंगी।
रायबरेली की ही हरचंदपुर सीट से कांग्रेस विधायक राकेश सिंह भाजपा में शामिल हो चुके एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह के सगे भाई हैं। वह अब तक पर्दे के पीछे से भाजपा का साथ दे रहे थे लेकिन, गुरुवार को वह खुलकर भाजपा के समर्थन में आ गए। उन्होंने सदन में मोदी-योगी को न सिर्फ आज का महात्मा गांधी कहा, बल्कि किसी का नाम लिए बिना तंज कसा कि खुद को गांधी लिखने से कुछ नहीं होता।
...तो यहां शून्य हो जाएगी कांग्रेस
विधानसभा चुनाव 2017 में रायबरेली की पांच में से दो-दो सीटों पर भाजपा और कांग्रेस जीतीं, जबकि एक सीट सपा के पाले में गई। अब यदि अदिति और राकेश पाला बदलते हैं तो चार सीटों पर भाजपा विधायक हो जाएंगे और कांग्रेस शून्य हो जाएगी।