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विश्व शौचालय दिवस: शौचालय के भरे गड्ढे को आज खुद साफ करेंगे केंद्रीय स्वच्छता सचिव अय्यर

देश के 25 राज्य व केंद्र शासित प्रदेश, 530 जिले, 5.2 लाख गांव खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुके हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 09:42 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 12:03 AM (IST)
विश्व शौचालय दिवस:  शौचालय के भरे गड्ढे को आज खुद साफ करेंगे केंद्रीय स्वच्छता सचिव अय्यर
विश्व शौचालय दिवस: शौचालय के भरे गड्ढे को आज खुद साफ करेंगे केंद्रीय स्वच्छता सचिव अय्यर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विश्व शौचालय दिवस पर सोमवार को केंद्रीय स्वच्छता सचिव परमेश्वरन अय्यर उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के ग्रामीण क्षेत्रों में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस पर देशभर में जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। शौचालयों के उपयोग को लेकर फैली भ्रांतियों के बारे में जहां लोगों को बताया जा रहा है, वहीं परमेश्वरन शौचालय के भरे हुए एक गड्ढे (पिट) को खुद साफ करेंगे।

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शौचालय की भ्रांतियों को दूर करने खुद उतरेंगे स्वच्छता सचिव

फिरोजाबाद के एक ग्रामीण परिवार के शौचालय के भरे हुए पुराने गड्ढे को खाली करेंगे, जिससे निकली खाद को 'काला सोना' तक कहा जाता है। वह बहुत ही उपयोगी और उपजाऊ होने के साथ किसी भी तरह गंदा नहीं होता है। इस भ्रांति को दूर करने के लिए जानी-मानी हस्तियां पूरे देश में अभियान चला रही हैं, ताकि लोगों का संदेह दूर हो। दो गड्ढों वाले शौचालय का एक गड्ढा पांच साल में भर जाता है, जिसके बाद दूसरा गड्ढे का प्रयोग शुरु किया जाता है। सिर्फ एक साल के भीतर भरे गड्ढे का मल सुरक्षित खाद में तब्दील हो जाता है। इसे आसानी से खाली किया जा सकता है। केंद्र सरकार इस तरह के दो गड्ढों  वाले शौचालयों को खूब प्रोत्साहन दे रही है।

स्वच्छता के साथ शौचालयों के उपयोग को लेकर देशव्यापी जन जागरुकता अभियान 9 नवंबर से शुरु किया गया है। सभी जिलों के स्वच्छाग्रही और स्वच्छता चैंपियनों ने इसमें भाग लिया है। इसमें पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर तक की स्वच्छता गतिविधियां शामिल की गईं।

दरअसल, दो अक्टूबर 2014 से आरंभ स्वच्छ भारत मिशन ने पिछले चार सालों में ग्रामीण स्वच्छता की कवरेज ने अभूतपूर्व प्रगति हासिल की है। पहले स्वच्छता कवरेज जहां केवल 39 फीसद थी, वह बढ़कर अब 96 फीसद पहुंच गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 8.8 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। स्वतंत्र सर्वेक्षण के मुताबिक कुल 92 फीसद से अधिक शौचालय का निरंतर प्रयोग किया जा रहा है।

एक आंकड़े के मुताबिक देश के 25 राज्य व केंद्र शासित प्रदेश, 530 जिले, 5.2 लाख गांव खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुके हैं। यह ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो लोगों के सहयोग से संभव हो सकी है। स्वच्छता के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील ने लोगों को बहुत प्रभावित किया है।


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