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Jagran Impact: युवक को थाने में लात-घूंसों से पीटने वाले DM को छुट्टी पर भेजा गया

पश्चिम बंगाल में एक डीएम ने थाने के अंदर एक युवक को अपनी पत्‍नी के साथ मिलकर इतना पीटा कि उसकी जान भी जा सकती थी। डीएम को 10 दिन की फोर्स लीव (जबरन छुट्टी) पर भेज दिया गया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 10:16 AM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2019 12:34 PM (IST)
Jagran Impact: युवक को थाने में लात-घूंसों से पीटने वाले DM को छुट्टी पर भेजा गया
Jagran Impact: युवक को थाने में लात-घूंसों से पीटने वाले DM को छुट्टी पर भेजा गया

जलपाईगुड़ी, जेएनएन। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (डीएम) का काम होता है, जिले में कानून व्‍यवस्‍था को बनाए रखना। अगर कोई कानून को तोड़ता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई करना। लेकिन जब कोई डीएम ही पुलिस स्‍टेशन में जाकर कानून तोड़ता है, तो...? पश्चिम बंगाल में एक डीएम साहब शायद ये भूल गए कि कानून सबके लिए समान है। इसलिए डीएम ने थाने के अंदर एक युवक को अपनी पत्‍नी के साथ मिलकर इतना पीटा कि उसकी जान भी जा सकती थी। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जागरण ने न सिर्फ यह खबर चलाई, बल्कि वीडियो को भी प्रमुखता से दिखाने के साथ मुख्यमंत्री, बंगाल पुलिस और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक को अपनी खबर के साथ ट्वीट किया था। हमारी इस मुहिम का असर यह रहा कि डीएम को 10 दिन की फोर्स लीव (जबरन छुट्टी) पर भेज दिया गया है।

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थाने में ऐसे डीएम और उनकी पत्‍नी ने निकाली भड़ास...

डीएम- अगर मैं तुझे आठ घंटे के अंदर ढूंढ कर निकाल सकता हूं, तो तेरे घर के बाहर मार कर फेंक भी सकता हूं। जो तूने कमेंट किया है, वो तेरे अकेले का काम नहीं है। इसके पीछे किसी और का भी हाथ है, उसका नाम बता...।

युवक- सर, मुझे माफ कर दीजिए। ये मैंने खुद किया है, मुझे किसी ने ऐसा करने के लिए नहीं कहा है। मुझसे गलती हो गई। प्‍लीस मुझे माफ कर दो..., मुझे छोड़ दो...!

डीएम की पत्‍नी- जो तूने कमेंट किया है, उसे पढ़कर यहां बोल, पढ़कर सबके सामने बोल...! लाठी लाओ, लाठी कहां है उसे लेकर आओ। 

पुलिस वाला- लाठी इस्‍तेमाल मत करो मैडम...!

ये पूरी घटना, जिस थाने में हुई उसका प्रभारी के खिलाफ भी इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि उनके थाने के अंदर और उनके सामने ही एक आरोपी को इतनी बेरहमी से पीटा गया। कानूनन तो आरोपी को हवालात में डाला जाना चाहिए था और समयबद्ध तरीके से कोर्ट में पेश किया जाना चाहिए था। प्रदेश सरकार को ऐसे डीएम और थाना प्रभारी के खिलाफ कानून के तहत कड़े कदम उठाने चाहिए।

दरअसल, बेरहमी से पीटे गए युवक की गलती ये थी कि उसने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर अलीपुरद्वार के डीएम निखिल निर्मल की पत्नी नंदिनी किषान को आपत्तिजनक कमेंट्स किए थे। इस मामले में डीएम की ओर से एफआइआर दर्ज कराई गई, जिसके बाद पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के बाद अब अदालत का काम था कि उस युवक को साइबर क्राइम की धाराओं के तहत दोषी पाए जाने पर सजा सुनाते। लेकिन डीएम साहब ने इस युवक को खुद ही सजा सुनाने का फैसला किया और अपनी पत्‍नी के साथ फालाकाटा थाने पहुंच गए।

यहां यह भी बता दें कि फालाकाटा पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गत शनिवार को डीएम की पत्नी ने ही अपने फेसबुक ग्रुप में फालाकाटा निवासी विनोद कुमार सरकार को जोड़ा था। आरोप है कि इसके बाद विनोद ने ग्रुप में डीएम की पत्नी को लेकर कोई अश्लील टिप्पणी की। इस मामले को लेकर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसके आधार पर पुलिस ने आरोपित विनोद को गिरफ्तार कर लिया गया।

शनिवार शाम युवक को गिरफ्तार किया गया और रविवार की सुबह डीएम व उनकी पत्नी थाने में पहुंच गए। इसके बाद डीएम साहब ने इस युवकर की जमकर पिटाई की। डीएम साहब की पत्‍नी ने लात और थप्‍पड़ युवक की खूब धुनाई की। इस दौरान ये युवक अपनी गलती मानकर, माफ करने की गुहार लगाता रहा, लेकिन डीएम और उनकी पत्‍नी का दिल नहीं पसीजा। पुलिस स्‍टेशन में जब डीएम और उनकी पत्‍नी कानून की धज्जियां उड़ा रहे थे, तब आइसी सौम्यजीत राय भी वहां मौजूद थे। लेकिन वे भी मूक दर्शक बने रहे। हां, युवक की हालत जब पिटाई के बाद बिगड़ने लगी, तब आइजी साहब सिर्फ ये बोलते हुए सुने गए- बस बहुत हुआ छोड़ दीजिए। लेकिन डीएम साहब और उनकी पत्‍नी सत्‍ता के नशे में चूर थे, इसलिए शायद उन्‍हें आइजी की बात सुनाई नहीं दी।

इस पूरी घटना का वीडियो थाने में ही मौजूद किसी शख्‍स ने बना लिया। शायद इस शख्‍स को युवक पर दया आ गई होगी। कानून की धज्जियां उड़ाने वाले ऐसे डीएम के खिलाफ सख्‍त से सख्‍त कार्रवाई होनी चाहिए। डीएम साहब इसलिए भी बड़े दोषी हैं, क्‍योंकि उन पर ही कानून की रक्षा करने का दायित्‍व है। अगर युवक ने कोई गलती की है, तो उसे सजा देने का काम अदालत का है। किसी को भी कानून को अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है, फिर वो कोई अधिकारी हो या आम इंसान।

डीएम निखिल निर्मल से जब इस पूरी घटना पर सवाल किए गए, तो उन्‍होंने कहा कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है। उनपर जो आरोप लगे हैं, वे सभी बेबुनियाद हैं। उनकी पत्नी ने तो इस घटना पर कुछ भी कहने से ही इन्कार कर दिया है। लेकिन डीएम साहब इस वीडियो को कैसे झुठला सकते हैं, जो चीख-चीखकर उनके दोषी होने की गवाही दे रहा है। ऐसे में मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी को तुरंत डीएम निखिल निर्मल के खिलाफ जांच करानी चाहिए।

एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स (एपीडीआर) की जलपाईगुड़ी शाखा ने इस मामले पर प्रशासन से जवाब तलब किया है। एपीडीआर के के जातिश्वर भारती का कहना है कि अगर फेसबुक पर कोई अश्लील कमेंट करता है तो उसके लिए साइबर क्राइम है। ऐसे शख्‍स को कानून के अनुसार सजा मिलनी चाहिए। लेकिन जिले के सबसे उच्च अधिकारी द्वारा थाने के भीतर घुसकर आरोपित की पिटाई करना उचित नहीं है।


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