जानिए, HAL चेयरमैन माधवन ने क्यों कहा- राफेल डील में हमारी कोई दिलचस्पी नहीं
भारत की हथियार निर्माता कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के चेयरमैन आर माधवन ने कहा है कि इस रक्षा सौदे में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।
नई दिल्ली, एएनआइ। राफेल लड़ाकू विमान की खरीद पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। भारत की हथियार निर्माता कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के चेयरमैन आर माधवन ने कहा है कि इस रक्षा सौदे में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि राफेल डील में सीधे 36 विमान खरीदे जा रहे हैं, इसलिए एचएएल की इसमें कोई रुचि नहीं है।
माधवन ने एयरो इंडिया शो के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, '36 राफेल लड़ाकू विमान सीधे तौर पर खरीदे जा रहे हैं, इन विमानों का निर्माण भारत में नहीं होने जा रहा है। यही वजह है कि हम इसे लेकर ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखते हैं। अगर इन राफेल विमानों का निर्माण देश में 'मेक इन इंडिया' के तहत होता, तो हम कुछ रुचि दिखाते। हम या तो ऑफसेट या प्रत्यक्ष खरीद में रुचि नहीं रखते हैं।'
उन्होंने कहा, 'हमने एक प्रस्ताव दिया है और हम आशा करते हैं कि भविष्य में सुखोई (सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट) की एक नई स्क्वाड्रन हमें (बनाने को) मिलेगी।' माधवन ने कहा कि स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के निर्यात की संभावनाओं पर हम विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एचएएल हर साल 16 एलसीए मार्क 1ए (तेजस) बनाने में सक्षम है। वहीं एचएएल के अधिकारियों ने दावा किया कि कंपनी की वित्तीय सेहत बहुत अच्छी है।
दरअसल, कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल डील को लेकर लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठा रहे हैं। राहुल गांधी का आरोप है कि इस डील में जानबूझकर उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी को एचएएल पर तरजीह दी गई। कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि फ्रेंच कंपनी दसॉ एविएशन से राफेल फाइटर विमानों की डील में काफी ज्यादा रकम चुकाई गई है।