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EVM पर रार, अमित शाह का विपक्ष पर हमला, पूछे यह 6 सवाल

अमित शाह ने कहा EVM का विरोध देश की जनता के जनादेश का अनादर है। हार से बौखलाई यह 22 पार्टियां देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवालिया निशान उठा कर विश्व में देश और अपने लोकतंत्र क

By Nitin AroraEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 06:00 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 06:00 PM (IST)
EVM पर रार, अमित शाह का विपक्ष पर हमला, पूछे यह 6 सवाल
EVM पर रार, अमित शाह का विपक्ष पर हमला, पूछे यह 6 सवाल

नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव में ईवीएम में छेड़छाड़ अथवा गड़बड़ी किए जाने की बात को टेक्निकल एक्सपर्ट पूरी तरह खारिज करते हैं। ऐसा नहीं है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में ही ईवीएम को निशाने पर लिया गया हो, अब से पहले भी इसपर काफी बवाल हो चुका है, हालांकि सभी तरह के टेस्ट क्लियर करके निकली ईवीएम मशीन को बिलकुल सुरक्षित बताया गया है। अब इसे लेकर हमलावर हो रहे विपक्ष से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सवाल दागे है। उन्होंने कहा कि EVM का विरोध देश की जनता के जनादेश का अनादर है। हार से बौखलाई यह 22 पार्टियां देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवालिया निशान उठा कर विश्व में देश और अपने लोकतंत्र की छवि को धूमिल कर रही है।

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शाह के विपक्षी पार्टियों से सवाल
1. EVM की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाने वाली इन अधिकांश विपक्षी पार्टियों ने कभी न कभी EVM द्वारा हुए चुनावों में जीत हासिल की है। अगर उन्हें EVM पर विश्वास नहीं है तो इन दलों ने चुनाव जीतने पर सत्ता के सूत्र को क्यों सम्भाला?

2. देश की सर्वोच्च अदालत ने तीन से ज्यादा PIL का संज्ञान लेने के बाद चुनावी प्रक्रिया को अंतिम स्वरूप दिया है। जिसमें की हर विधानसभा क्षेत्र में पांच VVPAT को गिनने का आदेश दिया है। तो क्या आप लोग सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे है?

3. मतगणना के सिर्फ दो दिन पूर्व 22 विपक्षी दलों द्वारा चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन की मांग पुर्णतः असंवैधानिक है क्योंकि इस तरह का कोई भी निर्णय सभी दलों की सर्वसम्मति के बिना सम्भव नहीं है। तो अब बवाल क्यों?

4. विपक्ष ने EVM के विषय पर हंगामा 6 चरणों का मतदान समाप्त होने के बाद शुरू किया। एक्जिट पोल के बाद यह और तीव्र हो गया। एक्जिट पोल EVM के आधार पर नहीं बल्कि मतदाता से प्रश्न पूछ कर किया जाता है। तो आप एक्जिट पोल के आधार पर EVM की विश्वसनीयता पर कैसे प्रश्न उठा सकते है?

5. EVM में गड़बड़ी के विषय पर प्रोएक्टिव कदम उठाते हुए चुनाव आयोग ने सार्वजनिक रूप से चुनौती देकर इसके प्रदर्शन का आमंत्रण दिया था। परन्तु उस चुनौती को किसी भी विपक्षी दल ने स्वीकार नहीं किया। इसके बाद चुनाव आयोग ने EVM को VVPAT से जोड़ कर चुनावी प्रक्रिया को और पारदर्शी किया। VVPAT प्रक्रिया के आने के बाद मतदाता मत देने के बाद देख सकता है कि उसका मत किस पार्टी को रजिस्टर हुआ। प्रक्रिया के इतने पारदर्शी होने के बाद इस पर प्रश्न उठाना कितना उचित है?

6. कुछ विपक्षी दल चुनाव परिणाम अनुकूल न आने पर 'हथियार उठाने' और 'खून की नदिया बहाने' जैसे आपत्तिजनक बयान दे रहे है। विपक्ष बताये कि ऐसे हिंसात्मक और अलोकतांत्रिक बयान के द्वारा वह किसे चुनौती दे रहा है?

सवाल पूछते हुए शाह बोले, 'ईवीएम पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे प्रश्न सिर्फ भ्रान्ति फैलाने का प्रयास है, जिससे प्रभावित हुए बिना हम सबको हमारे प्रजातांत्रिक संस्थानों को और मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए'।

बता दें कि चुनाव आयोग की टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी के सदस्य एवं आइआइटी कानपुर में कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रोफेसर रजत मूना का कहना है कि ईवीएम सबसे सुरक्षित है। इसे इंटरनेट व वायरलेस से जोड़ा नहीं जा सकता है। ऐसे में छेड़छाड़ का सवाल ही नहीं उठता। वर्तमान में आइआइटी भिलाई के निदेशक पद की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रो. मूना ने ईवीएम का बारीकी से अध्ययन किया है।

ईवीएम में नहीं है ऑपरेटिंग सिस्टम
प्रो. रजत मूना का कहना है कि यह ऐसी स्टैंड एलोन मशीन है जिसमें किसी भी वायरलेस अथवा अन्य संचार माध्यमों से छेड़छाड़ की गुंजाइश नहीं है। कंप्यूटर व मोबाइल से इसकी तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि दोनों में ऑपरेटिंग सिस्टम होता है इसलिए उनके डाटा में बदलाव संभव है। मगर, ईवीएम में ऑपरेटिंग सिस्टम है ही नहीं, जिससे यह पूरी तरह सुरक्षित हैं। इस तरह डिजाइन किया गया है, जिससे इसका इस्तेमाल केवल मतदान के लिए ही किया जा सकता है। दूसरा कोई काम करना संभव ही नहीं है।

ईवीएम से दूर बैठकर छेड़छाड़ नहीं की जा सकती क्योंकि इसमें ऐसा कोई नेटवर्किंग उपकरण नहीं है जिसे ब्लूटूथ अथवा वाईफाई के जरिये एक्सेस किया जा सके। इसलिए इसे हैक करना नामुमकिन है। इसके अलावा मतदाता इसमें उम्मीदवार का नाम, चुनाव चिह्न व सीरियल नंबर देख सकते हैं।

बूथ कैप्चरिंग व अनधिकृत मतदान नहीं हो सकता
प्रो. मूना ने बताया कि पहले बूथ कैप्चरिंग व अनधिकृत मतदात के अनेक मामले सामने आते थे। लेकिन, ईवीएम से मतदान के बाद रोक लगी है। 2016 में बड़े पैमाने पर नई ईवीएम बनी हैं जिनका इस्तेमाल किया जा रहा है। इन मशीनों को केवल आपस में कनेक्ट किया जा सकता है।

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