कांग्रेस ने कहा- विकास दुबे का प्रायोजित आत्मसमर्पण, नरोत्तम मिश्रा पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेताओं ने इसे प्रायोजित सरेंडर (आत्म समर्पण) बताते हुए गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को कठघरे में खड़ा किया है।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। पांच लाख के आरोपित विकास दुबे की मध्य प्रदेश में गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेताओं ने इसे प्रायोजित सरेंडर (आत्म समर्पण) बताते हुए गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को कठघरे में खड़ा किया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश अपराधियों की शरणस्थली बन गया है। राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी व पीसी शर्मा, केके मिश्रा, जेपी धनोपिया, भूपेंद्र गुप्ता ने दुबे की गिरफ्तारी पर शिवराज सरकार को घेरा है।
उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी रहे डॉ. नरोत्तम मिश्रा पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अधिकृत टि्वटर हैंडल पर घटनाक्रम को प्रायोजित बताया है। इसमें कहा है कि कल (बुधवार) रात उज्जैन कलेक्टर और एसपी महाकाल मंदिर गए, बंद कमरे में बैठक हुई। पता नहीं पटकथा लीक कैसे हो गई। कांग्रेस ने टि्वटर हैंडल पर गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और दुबे के रिश्तों की ओर इशारा किया है। कांग्रेस ने इशारों में कहा है कि नरोत्तम मिश्रा उप्र चुनाव में कानपुर के प्रभारी थे। उल्लेखनीय है कि दुबे भी कानपुर का है। कांग्रेस ने कहा कि कमल नाथ सरकार में माफिया और अपराधी प्रदेश छोड़कर भागे थे, लेकिन शिवराज सरकार में दूसरे राज्यों के अपराधी भी मध्य प्रदेश में छिपने लगे हैं।
प्रायोजित सरेंडर: दिग्विजय सिंह
राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने के लिए प्रायोजित सरेंडर लग रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ भाजपा नेता के सौजन्य से यह संभव हुआ है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि विकास दुबे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का चहेता है। जिस तरह से कथित राजकीय सम्मान के साथ वह सरेंडर हुआ है, एक अशिक्षित व्यक्ति भी इस राज को समझ रहा है। निश्चित तौर पर एक कुख्यात हत्यारा मुख्यमंत्री या गृह मंत्री के राजनीतिक संरक्षण के बिना यह सम्मान प्राप्त नहीं कर सकता।
गजब संयोग कानपुर का अपराधी, गृह मंत्री भी प्रभारी रहे
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि यह गजब संयोग है कि कानपुर का अपराधी और गृहमंत्री भी चुनाव में कानपुर के प्रभारी थे। अपराधी समर्पण के लिए मप्र को सुरक्षित स्थान मानने लगे हैं। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि ये महाकाल का प्रभाव है, जो इतना बड़ा आरोपित उज्जैन में गिरफ्तार हुआ है। मामले की जांच होनी चाहिए।
थाना प्रभारी का तबादला संयोग या षड्यंत्र
प्रदेश कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने ट्वीट में कहा है कि विकास दुबे के राजनीतिक सरेंडर के पूर्व महज यह संयोग है या षड्यंत्र कि महाकाल थाने के थाना प्रभारी प्रकाश वास्कले का तबादला कर अरविंद तोमर को लाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा उसे बचाना चाह रही थी, जबकि उप्र पुलिस उसका एनकाउंटर करना चाहती थी। विकास कानपुर से सटे 56 क्षेत्रों में भाजपा का प्रभारी रहा है।
पुलिस को भनक तक नहीं लगी
मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने सवाल उठाया है कि उत्तर प्रदेश का कुख्यात हत्यारा कानपुर से चलकर मध्य प्रदेश तक आ गया और मध्य प्रदेश पुलिस को भनक तक नहीं लगी? जबकि, वह चिल्ला-चिल्लाकर कह रहा है कि मैं विकास दुबे हूं। मुझे गिरफ्तार कर लो। उसे मंदिर के गार्ड पकड़ते हैं। यह मध्य प्रदेश पुलिस के लिए बहुत शर्मनाक घटना है। मप्र कांग्रेस के प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने कहा कि विकास दुबे को उप्र में एनकाउंटर का भय था। भाजपा नेताओं से नजदीकी के कारण उसे सुरक्षित गिरफ्तार कराया गया।