नए कानून के तहत माल्या को भगोड़ा घोषित करने पर तीन को सुनवाई
माल्या अदालत में पेश नहीं होता है, तो उसकी संपत्ति जब्त किए जाने के आदेश जारी होने के अलावा उस पर भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए जाने का भी खतरा मंडरा रहा है।
मुंबई, पीटीआइ। शराब कारोबारी विजय माल्या को 'भगोड़ा' आर्थिक अपराधी घोषित करने के मामले में मुंबई की एक अदालत ने सुनवाई के लिए तीन सितंबर की तारीख तय की है। 9,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण के कथित धोखाधड़ी के मामले में कुछ और लोगों ने खुद को पक्षकार बनाने का अनुरोध किया है, जिसके मद्देनजर अदालत ने सुनवाई आगे बढ़ा दी है।
अधिकारियों ने बताया कि माल्या के परिवार के एक सदस्य सहित कम से कम पांच लोगों ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा नये कानून के तहत उद्योगपति को आर्थिक भगोड़ा घोषित कराने के संबंध में मुकदमे के दस्तावेज अदालत से मांगे हैं। इसी कारण अदालत ने मामले की सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है। उन्होंने बताया कि विशेष अदालत के न्यायाधीश एम. एस. आजमी के आदेश के अनुसार, मुकदमे की अगली सुनवाई तीन सितंबर को होगी।
अदालत में आज पेश हुए माल्या के वकील ने कुछ और दस्तोवज की मांग की है। इसी अदालत ने 30 जून को एक नोटिस जारी कर माल्या को 27 अगस्त को उसके समक्ष पेश होने को कहा था। अदालत ने ईडी के आवेदन पर यह नोटिस जारी किया था। केन्द्रीय जांच एजेंसी ने 9,000 करोड़ रुपये के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में ताजा कार्रवाई के तौर पर माल्या की 12,500 करोड़ की संपत्ति तुरंत जब्त करने का भी अनुरोध किया है। इससे पहले अदालत ने माल्या के खिलाफ ईडी द्वारा दर्ज कराए गये दो मामलों में गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
इससे पहले सूत्रों ने संकेत दिया था कि अगर माल्या अदालत में पेश नहीं होता है, तो उसकी संपत्ति जब्त किए जाने के आदेश जारी होने के अलावा उस पर भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए जाने का भी खतरा मंडरा रहा है। इसी अदालत ने ईडी के दो अन्य मामलों में माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
साथ ही 30 जून को माल्या को यह नोटिस जारी किया था कि वह 27 अगस्त को पेश हो, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या को नए कानून के तहत आरोपी बनाया था। साथ ही 9000 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में उसके और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच का विस्तार किया था। इस मामले में ईडी ने माल्या के परिवार और करीबी लोगों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बता दें कि इस नए कानून के तहत किसी भगोड़े आरोपी के खिलाफ शुरू की गई यह पहली कार्रवाई है।