बाबू जगजीवन राम के 112वें जन्मदिन के मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू इस तरह से किया याद
जाति ने हिंदुस्तान का जितना नुकसान किया है वह सभी प्रकार के नुकसानों से ज्यादा है। ये शब्द बाबू जगजीवनराम के हैं जिन्होंने पूरी जिंदगी गरीबो दलितों और वंचितों के हितों के लिए
नई दिल्ली, एएनआइ। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आज देश के पूर्व उप प्रधान मंत्री बाबू जगजीवन राम को उनकी 112वीं जयंती के दिन याद किया की। उन्होंने ट्वीटर पर ट्वीट किया कि, मैं पूर्व उप प्रधान मंत्री, स्वतंत्रता सेनानी और देश के प्रतिष्ठित सांसद बाबू जगजीवन राम जो कि गरीबों और दलितों के उत्थान के लिए अथक प्रयास करते थे, वो एक सामाजिक न्याय के योद्धा थे। उपराष्ट्रपतिन ने कहा कि उनके 112वें जन्मदिवस के मौके पर आज उन्हें और भारतीय राजनीति में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है।
'जाति ने हिंदुस्तान का जितना नुकसान किया है, वह सभी प्रकार के नुकसानों से ज्यादा है।' ये शब्द बाबू जगजीवनराम के हैं, जिन्होंने पूरी जिंदगी गरीबो, दलितों और वंचितों के हितों के लिए संघर्ष किया। भारतीय राजनीति में अमिट छाप छोड़ने वाले बाबू जगजीवन राम देश की आज़ादी के साथ ही दलित राजनीति का प्रमुख चेहरा बन गए थे, वो देश के उप प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे। उन्होंन तत्कालीन भारतीय समाज में अछूत कही जाने वाली जाति में पैदा होने का दंश झेलते हुए देश की राजनीति में कभी न भुलाने वाला योगदान किया है।
बचपन से ही सामाजिक बहिष्कार और कठिनाइयों को झेला
5 अप्रैल सन 1908 को बिहार के चंदवा नामक गांव के एक दलित दंपति संत शोभी राम और वासन्ती देवी के घर आठवीं संतान के रूप में बाबू जगजीवन राम का जन्म हुआ। अपने भाई-बहनों में वो सबसे छोटे थे। महज 6 वर्ष की अल्पायु में ही पिता का साया उनके सिर से उठ गया, और 8 वर्ष की उम्र में ही विवाह भी कर दिया गया। यहीं से उनकी कठिनाइयों और मुश्किलों का दौर शुरू हो गया, लेकन शायद ही किसी ने यह सोचा होगा कि सामाजिक अपमानों और आर्थिक कठिनाईयों को पीछे छोड़ते हुए बाबू एक दिन सफलता के शिखर तक इस तरह से पहुंचेंगे।