कर्नाटक में हार के बाद कांग्रेस के भीतर उठे सवाल, मोइली बोले- फेल हुई सोशल इंजीनियरिंग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने कर्नाटक में पार्टी की हार के लिए लिंगायत मुद्दे के दांव को उल्टा पड़ना बताया है।
By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 16 May 2018 08:57 PM (IST)Updated: Wed, 16 May 2018 08:57 PM (IST)
style="text-align: justify;">नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कर्नाटक चुनाव में हार के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर से ही अब सवाल उठने शुरू हो गए है। इसकी शुरुआत पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने की है। जिन्होंने कर्नाटक में पार्टी की हार के लिए लिंगायत मुद्दे के दांव को उल्टा पड़ना बताया है। साथ पार्टी के ऊपर सोशल इंजीनियरिंग ने भी फेल रहने का आरोप लगाया है। हालांकि वह इस दौरान पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी पर किसी भी तरह से सीधी टिप्पणी से बचे और कहा कि वैसे भी चुनाव में वह सिर्फ नीतियों को लेकर बात करते थे। ऐसे में इस हार के पीछे रणनीतिकारों और राज्य ईकाई की ज्यादा जिम्मेदारी है।
कांग्रेस नेता मोइली ने पार्टी की रणनीति को लेकर यह सवाल ऐसे समय किया है, जब पार्टी कर्नाटक में बुरी हार के बाद भी जेडीएस को आगे करके पूरी शिद्दत से सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी हुई है। एक कार्यक्रम में उन्होने पार्टी की चुनावी रणनीति पर और भी कई तरह से सवाल खड़े किए। कहा कि ज्यादा अच्छा होता, पार्टी यदि लिंगायत पर दांव खेलने के बजाय ज्यादा से ज्यादा ओबीसी और एससी-एसटी को टिकट देती।
निश्चित ही चुनाव के नतीजे आज बदले हुए होते। चुनाव में पार्टी के माइक्रो मैनेजमेंट पर उन्होंने सवाल किया और कहा कि पार्टी ने निचले स्तर से जुड़े कई छोटे-छोटे मुद्दों की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया, जो पार्टी की हार के लिए बड़ा कारण बने। गौरतलब है कि मोइली कर्नाटक से ही जुड़े पार्टी के वरिष्ठ नेता है। हार के लिए पार्टी की राज्य ईकाई और रणनीतिकारों को जिम्मेदार ठहराने वाले मोइली ने स्वीकार किया कि वह भी इसमें शामिल है।
कांग्रेस नेता मोइली ने पार्टी की रणनीति को लेकर यह सवाल ऐसे समय किया है, जब पार्टी कर्नाटक में बुरी हार के बाद भी जेडीएस को आगे करके पूरी शिद्दत से सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी हुई है। एक कार्यक्रम में उन्होने पार्टी की चुनावी रणनीति पर और भी कई तरह से सवाल खड़े किए। कहा कि ज्यादा अच्छा होता, पार्टी यदि लिंगायत पर दांव खेलने के बजाय ज्यादा से ज्यादा ओबीसी और एससी-एसटी को टिकट देती।
निश्चित ही चुनाव के नतीजे आज बदले हुए होते। चुनाव में पार्टी के माइक्रो मैनेजमेंट पर उन्होंने सवाल किया और कहा कि पार्टी ने निचले स्तर से जुड़े कई छोटे-छोटे मुद्दों की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया, जो पार्टी की हार के लिए बड़ा कारण बने। गौरतलब है कि मोइली कर्नाटक से ही जुड़े पार्टी के वरिष्ठ नेता है। हार के लिए पार्टी की राज्य ईकाई और रणनीतिकारों को जिम्मेदार ठहराने वाले मोइली ने स्वीकार किया कि वह भी इसमें शामिल है।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें