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MLA को श्रद्धांजलि के बहाने उठा विधानसभा के वास्तुदोष का मामला, जानें क्‍या है पूरा माजरा

MP विधानसभा की विशेष बैठक के पहले दिन गुरुवार को सदन में विधायक बनवारीलाल शर्मा और पूर्व विधायक रगनाथ सिंह आंजना को श्रद्धांजलि दी गई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 07:15 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 07:27 PM (IST)
MLA को  श्रद्धांजलि के बहाने उठा विधानसभा के वास्तुदोष का मामला, जानें क्‍या है पूरा माजरा
MLA को श्रद्धांजलि के बहाने उठा विधानसभा के वास्तुदोष का मामला, जानें क्‍या है पूरा माजरा

भोपाल, जेएनएन। संविधान के 126 वें संशोधन के अनुसमर्थन के लिए बुलाई गई विधानसभा की विशेष बैठक के पहले दिन गुरुवार को सदन में विधायक बनवारीलाल शर्मा और पूर्व विधायक रगनाथ सिंह आंजना को श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने एक बार फिर विधानसभा के वास्तुदोष का मुद्दा इशारों में छेड़ा।

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उन्होंने कहा कि समय-समय पर इस विषय पर चर्चा होती रहती है, आखिर ऐसा क्यों होता है? एक बार इस पर चर्चा भी हो जाए। कुछ विधान सभा के कार्यकाल में तो आठ- आठ विधायकों के निधन हुए हैं। हालांकि, मृत्यु विधि का विधान होता है। गोपाल भार्गव ने कहा कि पिछले 15-16 सालों में करीब 32 विधायकों की मौत हो चुकी है। आज के समय में वास्‍तु को विज्ञान का दर्जा प्राप्‍त है। मैं कहना चाहता हूं कि अगर शास्‍त्र का प्रभाव होता है। इसमें कोई ज्‍यादा खर्च नहीं है। हमें इन मामलों को देखना होगा। यह जानकारी हमारे सहयोगी अखबार नई दुनिया ने दी।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिवंगत नेताओं को लोकप्रिय जनसेवक बताते हुए ईश्वर से परिजनों को इस गहन दुख को सहन की शक्ति देने की प्रार्थना की। श्रद्धांजलि के बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

बीमारी में भी सक्रिय थे शर्मा

सदन की कार्यवाही की शुरुआत होते ही अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने दोनों सदस्यों का निधन उल्लेख करते हुए उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। सदन के नेता मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बनवारीलाल शर्मा ऐसे जनसेवक थे कि जो बीमारी की हालत में भी लगातार संपर्क करते रहते थे और लोगों के आवेदन देते थे। उन्हें हमेशा अपने क्षेत्र की चिंता रहती थी।

तनाव में रहते हैं विधायक

वहीं, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने दोनों नेताओं को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हमने यह देखा है कि समय-समय पर विधायकों के निधन को विधानसभा के वास्तु से जो़ड़कर चर्चा होती रही है कि आखिरी ऐसा क्यों होता है? समाजशास्‍त्रि‍यों और मनोवैज्ञानिकों से भी इस संबंध में बात की। हम लोगों का जीवन काफी आपाधापी भरा रहता है। बाहर से लोगों को लगता है कि मंत्री और विधायक बहुत अच्छी जिंदगी जीते हैं पर हमारा समय, हमारा नहीं होता। सभी साथी काफी तनाव में रहते हैं। विधानसभा भवन को लेकर कई प्रयोग और अनुष्ठान भी हो चुके हैं। इनका मजाक भी बनाया गया पर एक बार इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए।

बीमारी से निधन अलग बात

हालांकि, सदन के बाहर भाजपा के वरिष्ठ विधायक डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पूजा--पाठ अनुष्ठान होना अलग चीज है और बीमारी से निधन होना अलग चीज है।


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