सभी वयस्कों को अंग दाता के रूप में पंजीकरण के लिए बिल लाएंगे वरुण गांधी
वरुण गांधी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष प्रतिरोपण के लिए दो लाख किडनी 50000 हर्ट और 50000 लिवर की आवश्कता होती है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा है कि सभी वयस्क लोगों का अंग दाता के रूप में पंजीकरण कराने की अनिवार्यता संबंधी प्रस्ताव वाला एक गैर सरकारी विधेयक वह संसद में पेश करेंगे। संसद के मानसून सत्र में वह मानव अंगों का दान और प्रतिरोपण विधेयक, 2020 पेश कर सकते हैं। लोकसभा में वह पीलीभीत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
यह विधेयक प्रस्ताव करता है कि हर व्यक्ति जब तक कि इसकी परिधि से खुद को बाहर न कर ले, स्वत: ही अंग दाता बन जाए। भारत में अंगों की कमी और उसकी मांग व आपूर्ति में भारी अंतर का हवाला देते हुए वरुण ने कहा कि अंगदान को अनिवार्य बनाए जाने संबंधी मजबूत नीतियों की कमी के चलते देश में प्रति वर्ष पांच लाख लोगों की मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष प्रतिरोपण के लिए दो लाख किडनी, 50,000 हर्ट और 50,000 लिवर की आवश्कता होती है।
I will be introducing a private member’s bill that proposes to put all adult citizens in a national organ donation register, which anyone can voluntarily opt out off. This will ensure a reduction in the number of deaths due to non-availability of organs. #OrganDonationDay— Varun Gandhi (@varungandhi80) August 13, 2020
इस अंतर को पाटने और अंगों की अनुपलब्धता के कारण होने वाली मौतों को कम करने के लिए वरुण गांधी ने ट्विटर पर घोषणा की। उन्होंने कहा कि मैं एक प्रइवेट मेंबर बिल पेश करूंगा जो सभी वयस्क नागरिकों को एक राष्ट्रीय अंग दान रजिस्टर में रखने का प्रस्ताव करता है, जिसे कोई भी स्वेच्छा से चुन सकता या इससे खुद को बाहर रख सकता है। अंगदान नीति में बदलाव की वकालत करते हुए वरुण ने कहा कि कानूनन हर एक व्यक्ति स्वत: ही अंग दाता बनें और चाहे तो इससे खुद को बाहर रख सके।