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Ayodhya Verdict: 27 साल से अन्न ग्रहण न करने वाली उर्मिला ने फैसले के बाद तोड़ा उपवास

जिस दिन अयोध्या में विवादित ढांचा तोड़ा गया उसी दिन उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर बनने के निर्णय तक अन्न ग्रहण नहीं करने का संकल्प ले लिया था।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 08:43 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 08:43 PM (IST)
Ayodhya Verdict: 27 साल से अन्न ग्रहण न करने वाली उर्मिला ने फैसले के बाद तोड़ा उपवास
Ayodhya Verdict: 27 साल से अन्न ग्रहण न करने वाली उर्मिला ने फैसले के बाद तोड़ा उपवास

जबलपुर, राज्य ब्यूरो। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही मध्य प्रदेश के जबलपुर की 81 वर्षीय उर्मिला चतुर्वेदी का 27 वर्ष पहले लिया गया संकल्प पूरा हो गया। उन्होंने मंदिर निर्माण के निर्णय तक अन्न त्याग रखा था और फल व दूध का ही सेवन कर रहीं थीं।

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फैसले के बाद उपवास तोड़ा

फैसले के बाद स्थिति स्पष्ट और उनकी उम्र अधिक होने के चलते परिजन ने उन्हें सांकेतिक रूप से अन्न ग्रहण करवा कर उनका उपवास तुड़वा दिया।

उर्मिला भगवान राम की भक्त हैं

उर्मिला संस्कृत की शिक्षिका रह चुकी हैं। छह दिसंबर 1992 को जब अयोध्या में विवादित ढांचा तोड़ा गया था, तब वह 54 वर्ष की थीं। उनके बेटे अमित ने बताया कि उनकी मां भगवान राम की भक्त हैं।

मंदिर बनने के निर्णय तक अन्न ग्रहण नहीं करने का लिया था संकल्प

जिस दिन अयोध्या में विवादित ढांचा तोड़ा गया, उसी दिन उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर बनने के निर्णय तक अन्न ग्रहण नहीं करने का संकल्प ले लिया था। तब से फल, दूध और दही ही खाती हैं।

उर्मिला बताती हैं कि वे कई शादी समारोह में गई, जहां लोग तरह-तरह के पकवान खिलाने का प्रस्ताव देते थे, लेकिन उनका मन अडिग था। फिर धीरे-धीरे सभी सहयोग करने लगे।


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