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कानून मंत्री ने दिए संकेत: आने वाले दिनों में केंद्र सरकार कर सकती है कुछ और बड़ी घोषणाएं

Upper Caste Reservation Bill, सवर्ण आरक्षण बिल बस शुरुआत, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दिए संकेत- आने वाले दिनों में केंद्र सरकार कर सकती है कुछ और बड़ी घोषणाएं

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 09:04 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 09:42 AM (IST)
कानून मंत्री ने दिए संकेत: आने वाले दिनों में केंद्र सरकार कर सकती है कुछ और बड़ी घोषणाएं
कानून मंत्री ने दिए संकेत: आने वाले दिनों में केंद्र सरकार कर सकती है कुछ और बड़ी घोषणाएं

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण संबंधी संविधान संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने स्पष्ट कर दिया कि आने वाले समय में कुछ और बड़ी घोषणाएं होंगी। उन्होंने कहा कि स्लॉग ओवरों में छक्के लगते ही हैं। आप अभी से घबरा रहे हैं। देखते चलिए अभी कितने छक्के लगेंगे।

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राज्यसभा को एक दिन के लिए बढ़ाए जाने और आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों को 10 फीसद आरक्षण देने से जुड़े बिल को अचानक लाए जाने को लेकर बुधवार को सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने तकनीकी आधार पर इन दोनों ही मुद्दों पर आपत्ति जताते हुए सदन में काफी देर तक नारेबाजी की। हंगामा करने वालों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राजद, द्रमुक और आप सहित ज्यादातर विपक्षी दल शामिल थे।

जेटली ने बारी-बारी दिया जवाब 

विपक्ष के हंगामे पर उपसभापति हरिवंश और सत्ता पक्ष की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री और नेता सदन अरुण जेटली ने बारी-बारी से जवाब दिया। जेटली ने कहा कि अहम विधेयकों के लिए सदन के सत्र को बढ़ाया गया है। विपक्ष को सरकार का साथ देकर विधायी कामकाज पूरा कराना चाहिए।

सिब्बल बोले, आयकर छूट सीमा भी आठ लाख हो

कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने आरक्षण के लिए तय आय सीमा पर सवाल उठाया। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक ओर 2.5 लाख कमाने वाले को इनकम टैक्स देना पड़ता है और दूसरी ओर आठ लाख कमाने वाले को सरकार गरीब बता रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार को फिर आयकर छूट सीमा को भी आठ लाख कर देना चाहिए।

तब भी अवसरवादी ही कहलाते मोदी : अमर सिंह

निर्दलीय सांसद अमर सिंह ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि जो लोग बिल का विरोध कर रहे हैं वे वोट क्यों दे रहे हैं। अगर यह बिल इतना ही गंदा है तो वोट न दें। उन्होंने कहा कि सवर्णों ने बहुत पहले से ही अपना मन बदल लिया है, दलित से रिश्ते कायम किए, रोटी-बेटी के संबंध बनाए। उन्होंने कहा कि गरीब सवर्णों के आरक्षण के सवाल पर देश, काल और परिस्थिति की बात हो रही है। अगर मोदी जी तीन राज्यों के चुनाव से पहले बिल लाते तो उन्हें अवसरवादी कहा जाता, अब ला रहे हैं तो भी आपत्ति हो रही है।

गौरतलब है कि सामान्य वर्ग के गरीब अभ्यर्थियों को आरक्षण देने से जुड़ा 124वां संविधान संशोधन विधेयक संसद से पारित हो चुका है। राष्ट्रपति का हस्ताक्षर होने के बाद यह लागू हो जाएगा। अगर आप आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की श्रेणी में आते हैं, तो इसका फायदा लेने के लिए आप अपने जरूरी दस्तावेज तैयार रखें।

इन दस्तावेजों की होगी जरूरत 

आधार कार्ड : अगर आप आरक्षण का लाभ लेने वाले उम्मीदवार हैं और अभी तक आधार कार्ड नहीं है, तो आपकी परेशानी बढ़ जाएगी। आधार कार्ड भारतीय नागरिक होने के पहचान के तौर पर दिखाया जाता है। इसे नौकरी में अनिवार्य कर दिया गया है।

पैन कार्ड : पैन कार्ड भी जरूरी दस्तावेजों की श्रेणी में आता है। अगर आपने अभी तक पैन कार्ड नहीं बनवाया है, तो जल्द ही इसके लिए आवेदन कर दें। वर्तमान में पैन कार्ड नौकरी और सेवाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।

आय प्रमाण पत्र : चूंकि सामान्य वर्ग को आरक्षण आर्थिक आधार पर मिल रहा है, इसलिए आपको माता-पिता की आय दिखानी होगी। इसके लिए आपको माता-पिता का आय प्रमाण पत्र बनवाना होगा। इसके लिए कई राज्यों में ऑनलाइन आवेदन करना होता है।


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