Move to Jagran APP

उत्तर प्रदेश की IAS बी चंद्रकला के नाम पर बने सोशल मीडिया अकाउंट से विवादित पोस्ट

सीबीआइ छापा पड़ने के बाद बी चंद्रकला नाम के इस अकाउंट से सोशल मीडिया पर ये तीसरी कविता है, जिसके जरिए राजनीति पर करारा प्रहार किया गया है। पढ़ें- उनकी पूर्व की कविताएं भी।

By Amit SinghEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 06:03 PM (IST)Updated: Sat, 09 Feb 2019 09:04 AM (IST)
उत्तर प्रदेश की IAS बी चंद्रकला के नाम पर बने सोशल मीडिया अकाउंट से विवादित पोस्ट
उत्तर प्रदेश की IAS बी चंद्रकला के नाम पर बने सोशल मीडिया अकाउंट से विवादित पोस्ट

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। सोशल नेटवर्किंग साइट लिंक्डइन पर IAS बी चंद्रकला के नाम से बने अकाउंट से 'सुनो, ऐ सरकारें हत्यारी, तुम, जाने की, करो तैयारी' शीर्षक से नई कविता पोस्ट होने की खबर मीडिया में आने के बाद आइएएस अधिकारी बी चंद्रकला ने कहा है कि लिंक्डइन पर उनका कोई अकाउंट नहीं है। उनके नाम पर जो कुछ भी लिंक्डइन पर पोस्ट किया जा रहा है, उससे उनका कोई लेनादेना नहीं है।

loksabha election banner

आइएएस बी चंद्रकला ने कहा है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर उनके नाम से बने अकाउंट के बारे में नोएडा पुलिस से शिकायत भी की है। हालांकि इस संबंध में एसपी सिटी नोएडा सुधा सिंह का कहना है कि उन्हें आइएएस अधिकारी की तरफ से कोई शिकायत नहीं मिली है। एसपी सिटी ने कहा कि साइबर सेल या नोएडा पुलिस की कोई विंग आइएएस अधिकारी की शिकायत पर जांच कर रही है, ऐसी कोई सूचना उनके पास नहीं है।

मालूम हो कि इससे पहले भी लिंक्डइन पर बी चंद्रकला के नाम से बने इसी अकाउंट से तीन कविताएं पोस्ट की गई थीं। ये तीनों कविताएं इसलिए काफी चर्चा में आईं, क्योंकि ये तीनों कविताएं पांच जनवरी 2019 को लखनऊ स्थित आइएएस बी चंद्रकला के आवास पर सीबीआइ छापे के बाद पोस्ट की गईं थीं। सीबीआइ ने उनके आवास पर यूपी अवैध खनन मामले की जांच के लिए छापेमारी की थी। अवैध खनन मामले में सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), चंद्रकला के खिलाफ भी जांच कर रहे हैं।

लिंक्डइन पर बी चंद्रकला के नाम और फोटो के साथ बना अकाउंट वैरीफाइड नहीं है। बावजूद इस अकाउंट पर 32,372 फॉलोअर्स हैं। इस अकाउंट से किए गए लगभग सभी पोस्ट पर हजारों की संख्या में लाइक और कमेंट भी हैं। इन कविताओं की एक और खास बात ये है कि तीनों पोस्ट में राजनीतिक स्थिति पर व्यंग्यात्मक शैली में करारा प्रहार किया गया है।

सपा शासनकाल में यूपी में हुए खनन घोटाले में फंसी सूबे की धाकड़ IAS अधिकारी बी चंद्रकला अपने सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर लाखों की संख्या में उनके फॉलोअर्स हैं। सोशल मीडिया पर उनके नाम से बने अकाउंट पर कई ऐसे पोस्ट हैं, जिन्हें किसी सेलिब्रिटी या चर्चित राजनेता से भी ज्यादा लोगों ने लाइक या कमेंट किया।

बी चंद्रकला नाम के अकाउंट से लिंक्डइन पर की गई नई पोस्ट को बृहस्पतिवार शाम पांच बजे तक 1097 लोग लाइक कर चुके थे, जबकि 147 लोगों ने कमेंट किया था। इनमें से बहुत से लोगों ने चंद्रकला के पक्ष में कमेंट करते हुए, पूरी कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है, तो कुछ लोगों ने उन्हें हिम्मत बंधाने का प्रयास किया है। आइएएस अधिकारी बी चंद्रकला के नाम पर बने अकाउंट से लिंक्डइन पर ये कविता करीब एक सप्ताह पहले पोस्ट की गई थी, जो इस प्रकार है...

मेरे प्यारे दोस्तों,
आज मैं आप से एक व्यंग्यात्मक कहानी' भारतीय राजनीति में एलियन इरा' से उद्धरण साझा कर रही हूँ:
"दोस्तो, भारतीय राजनीति ने फटे कुर्ते से लेकर लाखों के सूट तक के तमाम अच्छे दिन देख चुकी है, लेकिन भारतीय जवानी आज भी समस्याओं के दलदल में फंसी कराह रही है।। राजनीति ने हमें' 0=100 जानें' का गणित भी सिखाया; कालेधन का साँप दिखाते-दिखाते, मदारी ने सौ जानें ले ली। राजनीति की कॉमेडी, असल में ट्रेजडी होती है।।
आगे लेखक कहता है, हमारा देश गांधी का देश है, गांधी मतलब, लोकतंत्र की आँधी: बदलाव की हर पटकथा, जनसैलाब ही लिखती है।।----अधिक से अधिक संख्या में मतदान करें,
 

"सुनो, ऐ सरकारें हत्यारी,
तुम, जाने की, करो तैयारी।।
कण-कण में हम आंधी हैं,
हम भारत के, गांधी हैं।।
लोकतंत्र का एक निशान,
जन-गण-मन का करो, सम्मान।।
लोकतंत्र की एक कसौटी,
कण-कण फैले जीवन-ज्योति।।"
"जमीर जो कहे, वही कर,
जालिम कहाँ डरता है जो, तू किसी से डर।।
हर तूफान को पता है, हम आसमान हैं,
वक्त के सीने पर मुकम्मल निशान हैं;
अपने रास्ते पर चल, हर रंग तेरी है,
ये धरती तेरी है, ये गगन तेरी है,
हर गुल तेरी है कि, ये गुलशन भी तेरी है।।
जमीर जो कहे, वही कर,
जालिम कहाँ डरता है जो, तू किसी से डर।।"
,,,,,प्रस्तुत अंश राकेश कुमार जी की पुस्तक 'भारतीय राजनीति में एलियन इरा’ से उद्धृत है।।
---आपकी चंद्रकला।।

इससे पहले लिखा था ‘जानेमन, तुम छिप-छिप कर आना’
करीब तीन सप्ताह पहले भी बी चंद्रकला के नाम से बने इसी लिंक्डइन अकाउंट पर ‘जानेमन, तुम छिप-छिप कर आना’ शीर्षक से एक कविता पोस्ट की गई थी। कविता के अंत में लिखा था कि छापा जांच की प्रक्रिया का एक हिस्सा मात्र है।

लोगों का मानना है कि चंद्रकला के नाम से बने लिंक्डइन अकाउंट पर पोस्ट के जरिए मौजूदा राजनीतिक स्थितियों पर करारा प्रहार करने का प्रयास किया जा रहा है। पढ़ें, करीब तीन सप्ताह पहले इसी लिंक्डइन अकाउंट से किया गया पोस्ट...

प्रिय दोस्तों,
आइए, परमात्मा के दिये इस नये सवेरे में हम अपनी तरफ से प्रेम की सुगंध फैलाएं।।
नफरत और घृणा से जीवन, दूषित होता है।।
इन सुंदर पंक्तियों के साथ शुभारम्भत करते हैं...
आ सोलह श्रृंगार करूं, मैं,
आ मैं तुमको, प्यार करूं, मैं।।
घर से निकल कर, सीधी सड़क पर,
चौवाड़े से दायीं, मुड़ जाना,
वह जो गंगा तट है, देखो,
ऊपर एक मंदिर है, पुराना।।
उसके पीछे पीपल का वृक्ष,
जाने मन तुम, वहीं आ जाना,
आन तुम छिप-छिप कर आना,
आना, नजरें चार करेंगे,
मधुवन का श्रृंगार बनेंगे।।
हेट की रात है, बड़ी ही सुहानी,
माहताब है, देख दिवानी,
रातरानी, चंपा, चमेली,
फूल, तुम लाना संग में सहेगी।।
रजनीगन्धा को भी ले आना,
दोस्त है ये अपना, बड़ा ही पुराना,
आना, जरा जल्दी आ जाना।।
चंदा की बे-सब्री देखो,
उग आयी है, रात की रानी,
नदियों की धारा तुम, देखो,
देखो इसका, कल-कल पानी।।
कोयल की स्वार, देखो, हे प्रिये!
उर्वशी भी है, तेरी दिवानी,
कुमकुम के रंगों से सज गयी,
गौधूली की प्रीत पुनानी।।
देखो, जब मंदिर में बजेगी,
संध्या-भजन की घंटी, तब तुम,
बीत जाए जब, एक पहर और,
घर से निकल ही आना प्रिय तुम।।
मैं बैठा इंतजार करूंगा,
पीपल के नीचे, चांदनी राम में,
मैं बन दर्पण, श्रृंगार करूंगा,
आना तुमको मैं प्याूर करूंगा।।
छापा, जांच की प्रक्रिया का एक हिस्सा मात्र है।। -- आपकी चंद्रकला।।

सीबीआई छापे के तुरंत बाद पोस्ट की गई कविता
सीबीआई ने अवैध खनन मामले में IAS बी.चंद्रकला के लखनऊ स्थित आवास पर पांच जनवरी 2019 को छापा मारा था। इसके साथ ही यूपी की ये धाकड़ अधिकारी पहली बार नकारात्मक वजहों से सुर्खियों में आयी थी। छापे के कुछ दिन बाद ही उनके नाम से बने इस लिंक्डइन प्रोफाइल से पहली बार ‘जीवन के रंग को क्यों फीका किया जाए’ नाम से एक कविता पोस्ट की गई थी। इस पोस्ट में लिखा था...

रे रंगरेज़! तू रंग दे मुझको।।
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको,
फलक से रंग, या मुझे रंग दे जमीं से,
रे रंगरेज़! तू रंग दे कहीं से।।
छन-छन करती पायल से,
जो फूटी हैं यौवन के स्वर;
लाल से रंग मेरी होंठ की कलियाँ,
नयनों को रंग, जैसे चमके बिजुरिया,
गाल पे हो, ज्यों चाँदनी बिखरी,
माथे पर फैली ऊषा-किरण,
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको,
यहाँ से रंग, या मुझे रंग दे, वहीं से,
रे रंगरेज़ तू रंग दे, कहीं से।।
कमर को रंग, जैसे, छलकी गगरिया,
उर,,, उठी हो, जैसे चढ़ती उमिरिया,
अंग-अंग रंग, जैसे, आसमान पर,
घन उमर उठी हो बन, स्वर्ण नगरिया।।
रे रंगरेज़! तू रंग दे मुझको,
सांस-सांस रंग, सांस-सांस रख,
तुला बनी हो ज्यों, बाँके बिहरिया,
रे रंगरेज़! तू रंग दे मुझको।।
पग-रज ज्यों, गोधुली बिखरी हो,
छन-छन करती नुपूर बजी हो,
फाग के आग से उठती सरगम,
ज्यों मकरंद सी महक उड़ी हो।।
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको,
खुदा सा रंग, या मुझे रंग दे हमीं से,
रे रंगरेज़ तू रंग दे, कहीं से।।
पलक हो, जैसे बावड़ी वीणा,
कपोल को चूमे, लट का नगीना,
तपती जमीं सा मन को रंग दे,
रोम-रोम तेरी चाहूँ पीना।।
रे रंगरेज़ तू रंग दे मुझको,
बरस-बरस मैं चाहूँ जीना।। :: बी चंद्रकला” आई ए एस।।
“चुनावी छापा तो पडता रहेगा, लेकिन जीवन के रंग को क्यों फीका किया जाय” दोस्तों।
आप सब से गुजारिश है कि मुसीबते कैसी भी हो, जीवन की डोर को बेरंग ना छोड़ें।।

यह भी पढ़ें-
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति को सता रहा गर्लफ्रेंड संग अश्लील तस्वीरें वायरल होने का डर
CBI के सामने पेश होने से पहले कोलकाता पुलिस कमिश्नर कर रहे सवालों के जवाब की तैयारी

किम-ट्रंप की दूसरी मुलाकात पर टिकी दुनिया की निगाहें, विशेष अमेरिकी दूत वियतनाम पहुंचे
तृणमूल बनाम भाजपा, जानें- क्यों गहरा रही है पश्चिमी बंगाल में राजनीतिक लड़ाई
अंडरवर्ल्ड डॉन रवि पुजारी के बारे में पूछने पर प्रिटी जिंटा ने लिया था इन क्रिकेटरों का नाम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.