केंद्रीय मंत्री ने कहा- मोदी का सपना पूरा करने के लिए जरूरत पड़ी तो होगा और बैंकों का विलय
बैंकों के विलय के तहत पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) का विलय होना है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि बैंकों की संख्या घटाने का विकल्प खुला हुआ है। अगर जरूरत पड़ी तो सरकार कुछ और बैंकों का विलय कर सकती है। उनके मुताबिक विलय के माध्यम से वैश्विक आकार के बैंकों का उदय होगा। ये बड़े बैंक वित्त वर्ष 2024-25 तक देश की अर्थव्यवस्था को पांच लाख करोड़ डॉलर का आकार देने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना पूरा करेंगे।
आइबीसी की वजह से बैंकों की चार लाख करोड़ से अधिक की वसूली
ठाकुर का कहना था कि सरकार ने बैंकों के विलय और उसमें पूंजी लगाने संबंधी गतिविधियों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड (आइबीसी) संबंधी कानून बेहद सफल रहे हैं। आइबीसी की वजह से बैंकों की अब तक चार लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली हो चुकी है। ऐसे में अगर सरकार को जरूरत लगी, तो वह और बैंकों के विलय की ओर कदम बढ़ा सकती है।
10 सरकारी बैंकों का विलय अप्रैल से अस्तित्व में आ जाएगा
गौरतलब है कि पिछले वर्ष सरकार ने 10 सरकारी बैंकों के विलय के माध्यम से वैश्विक आकार के चार बड़े बैंकों के निर्माण का फैसला किया था। ये सभी बैंक इस वर्ष अप्रैल से अस्तित्व में आ जाएंगे। इसके बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी, जो वर्ष 2017 में 27 थी। ठाकुर के मुताबिक बड़े बैंकों की पहुंच ज्यादा बड़ी होगी। उनके कर्ज देने की क्षमता, उत्पादों की गुणवत्ता और ग्राहकों को सेवा देने के लिए तकनीक के बेहतर उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
पीएनबी में यूबीआई और ओबीसी का विलय होना है
बैंकों के विलय के तहत पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) का विलय होना है। सरकार ने इस योजना के तहत केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक और इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक के विलय को मंजूरी दी। इसके अलावा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय भी मंजूर कर लिया गया था। उससे पहले पिछले वर्ष अप्रैल देना बैंक और विजया बैंक का विलय बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) में हो चुका है।