जावड़ेकर ने की लॉकडाउन की वकालत, कहा- देश के हित में प्रधानमंत्री ने लिया यह फैसला
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन की वकालत करते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कोरोना को हराने के लिए यह फैसला जरूरी था।
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश भर में लॉकडाउन के फैसले की वकालत करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि यह फैसला देश हित में लिया गया, हमारे हित में लिया गया है। प्रेस कांफ्रेंस में सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में बताते हुए जावड़ेकर ने कहा, ‘पत्रकार वार्ता में भी सब दूर-दूर बैठे हैं नजदीक रहने के लिए दूर-दूर बैठना जरूरी है।’ आज हुए कैबिनेट मीटिंग के फैसलों की जानकारी देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार की ओर से एडवांस में तीन महीने का राशन मुहैया कराया जाएगा। लोग पैनिक न हों , देश के 80 करोड़ लोगों को राशन मिलेगा।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में देश के 80 करोड़ लोगों को कम कीमत पर अनाज देने का फैसला किया गया है। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बात की जानकारी प्रेस कांफ्रेंस में दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश के 80 करोड़ लोगों को हर महीने 7 किलो प्रति व्यक्ति राशन देगी। केंद्रीय मंत्री ने कांफ्रेंस में कहा कि सरकार ने 80 करोड़ लोगों को 27 रुपये प्रति किलो वाला गेहूं- 2 रुपये प्रति किलो, 37 रुपये प्रति किलोग्राम चावल- 3 रुपये प्रति किलो देने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार रात देश में लॉकडाउन की घोषणा की तब देश भर में लोगों ने स्वीकार भी किया और स्वागत भी किया। क्योंकि 130 करोड़ की आबादी के लिए देश दुनिया के अनुभव को समझकर कोरोना से बचने के लिए लॉकडाउन का फैसला जरूरी था।’
इस बीमारी से लड़ने के लिए उन्होंने एहतियात बरतने को कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिए चार बातें मुख्य तौर पर फॉलो करना चाहिए। उन्होंने बताया कि घर के भीतर रहे, किसी भी काम होने बाद हाथ धोएं। साबुन से धो लें हर बार सैनिटाइजर की जरूरत नहीं। बुखार, कफ, सर्दी जैसी तकलीफ होने पर डॉक्टर के पास जाएं। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग की प्रक्रिया अपनाएं।
उन्होंने दुनिया के विभिन्न देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण का आंकड़ा बताया। इसे दुखद कहानी बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्व पर संकट छाया है। यह समझकर सभी लोग थोड़ी तकलीफ बर्दाश्त करें। पूरे 21 दिन आवश्यक सेवाओं की दुकानें खुली रहेंगी। गुजरात के एक शहर का ब्यौरा देते हुए उन्होंने दुकान के सामने गोल घेरा बनाकर सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में बताया। केंद्र सरकार की नीतियों को राज्य सरकारें और जिला प्रशासन द्वारा ही पूरा कराया जा सकता है। गरीबों की सहूलियत के बारे में उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार व राज्य सरकार कम कीमत पर राशन मुहैया करा रही है। उन्होंने सख्त लहजे में चेताया कि अफवाह पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा, ‘लॉकडाउन हमारे लिए है हमारे अपनों के लिए है, इससे ही जान बच सकती है जान बची तो लाखों पाए।‘