केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा- शाहीन बाग प्रदर्शन अधिकार और कर्तव्य का संघर्ष
आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार ने शाहीन बाग में सड़क जाम करने को गैर-इस्लामी कार्य बताया है। लोगों का रास्ता रोककर अत्याचार करना इस्लाम के खिलाफ है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में लोगों का प्रदर्शन अधिकार और कर्तव्य के बीच का संघर्ष है। शनिवार को विज्ञान भवन में आयोजित भारतीय छात्र संसद को संबोधित करते हुए नकवी ने कहा कि प्रदर्शनकारी अपना अधिकार समझते हैं, लेकिन अपना कर्तव्य नहीं समझते हैं। मुझे नहीं लगता कि कोई सड़क जामकर अपना अधिकार हासिल कर सकता है। हम यदि अपने अधिकार और कर्तव्य नहीं समझेंगे, तो हमेशा भ्रम में पड़े रहेंगे।
संघ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा- शाहीन बाग में सड़क जाम करना गैर-इस्लामी कार्य
इस बीच, आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार ने शाहीन बाग में सड़क जाम करने को गैर-इस्लामी कार्य बताया है। इंद्रेश ने कहा कि लोगों का रास्ता रोककर अत्याचार करना इस्लाम और रसूल के खिलाफ है। इस अपराध और पाप से बचना चाहिए।
प्रदर्शनकारी मानवता दिखाएं, इस्लाम किसी को दर्द देने की वकालत नहीं करता- संघ
इंद्रेश ने प्रदर्शनकारियों से निपटने में धैर्य दिखाने के लिए केंद्र सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा, 'सरकार को देखिए। यह इतना मानवीय है कि दो महीने की रुकावट के बावजूद, इसने कोई कार्रवाई नहीं की है। शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को भी कुछ मानवता दिखानी चाहिए, क्योंकि इस्लाम किसी को दर्द देने की वकालत नहीं करता है।'
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार ने नहीं की मीडिया से बात
शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के चलते बंद रास्ता खुलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों में से एक साधना रामचंद्रन शनिवार सुबह अकेले ही पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात नहीं की। उन्होंने कहा कि आज वह केवल महिलाओं से और महिलाओं के लिए ही बात करने आई हैं। दरअसल, सुबह साधाना के साथ एडवोकेट संजय हेगड़े नहीं आए, हो सकता है वह शाम को आएं। सोमवार को इस मामले की सुनवाई है इसलिए अभी फिलहाल वार्ताकारों की प्राथमिकता है कि वह प्रदर्शनकारियों को इस बात के लिए राजी कर लें कि वह स्थल बदल लें।
शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी के विरोध में दो महीने से चल रहा प्रदर्शन
इससे पहले शाहीन बाग में बंद रास्ते खुलवाने के लिए लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी वार्ताकार पहुंचे। इस दौरान कुछ महिला प्रदर्शनकारियों ने उनकी सुरक्षा की शर्त मानने पर एक तरफ का रास्ता खोलने के संकेत दिए। यहां नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में करीब दो महीने से प्रदर्शन चल रहा है।