Move to Jagran APP

Aadhaar को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ने के लिए चुनाव आयोग और केंद्रीय कानून मंत्रालय की बैठक

केंद्रीय कानून मंंत्रालय और चुनाव आयोग आज आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ने के लिए बैठक करने जा रहे हैं।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 09:49 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 09:49 AM (IST)
Aadhaar को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ने के लिए चुनाव आयोग और केंद्रीय कानून मंत्रालय की बैठक
Aadhaar को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ने के लिए चुनाव आयोग और केंद्रीय कानून मंत्रालय की बैठक

नई दिल्ली, एजेंसी। आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र (Voter ID card) के साथ जोड़ने पर मंगलवार को चुनाव आयोग (ईसी) और केंद्रीय कानून मंत्रालय के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। ये बैठक सुबह 11.30 बजे चुनाव आयोग के कार्यालय में होगी।

loksabha election banner

वरिष्ठ अधिकारी बैठक करेंगे। चुनाव आयोग फर्जी वोटर कार्ड की समस्या को हल करने के लिए वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने के पक्ष में है और पहले ही कानून मंत्रालय को पत्र लिख चुका है। चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को अगस्त 2019 में ये प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव भेजते हुए चुनाव आयोग ने कहा था कि 12 नवंबर को आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को लिंक करने के लिए उसे कानून अधिकार चाहिए। 

फर्जी वोटरों पर लगाम लगाने की कोशिश 

चुनाव आयोग ने कहा था कि ऐसा करने से फर्जी वोटरों पर लगाम लगाई जा सकेगी। इसी वजह से सभी पुराने और नए वोटर कार्ड धारकों को अपना आधार नंबर देना होगा। हालांकि, तभी ये स्पष्ट कर दिया गया था कि अगर कोई ऐसा नही करता है तो उसका नाम वोटर लिस्ट ने नहीं हटाया जाएगा। साथ ही उसे लिस्ट में शामिल होमे से रोका भी नही जाएगा। 

रविशंकर प्रसाद ने कही ये बात

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि इन आंकड़ों को हैक, चोरी या फिर कॉपी करने से बचाने के लिए चुनाव आयोग सभी जरुरी कदम उठाएगा। ऐसा करने से फर्जी वोटरों पर लगाम लगेगी। ऐसे करने से बोगस वोटरों पर रोक लगेगी। देशभर में विभिन्न राजनीतिक पार्टियां ने भी अगस्त में हुई बैठक में आधार से वोटर आईडी कार्ड लिंक करने पर सहमति जताई थी।

कोर्ट के फैसले के बाद लगानी पड़ी थी रोक 

बता दें कि अभी तक चुनाव आयोग ने 38 करोड़ लोगों के वोटर आईडी कार्ड को आधार नंबर से लिंक कर दिया है। 2015 में ये कवायद शुरु हुई थी, हालांकि, बाद में चुनाव आयोग को इस कवायद पर रोक लगानी पड़ी थी। 2015 में फरवरी में इस कवायद की शुरुआत की गई थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने फैसले सुनाते हुए आधार का इस्तेमाल केवल एलपीजी, केरोसिन और राशन लेने के लिए मंजूरी दी थी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.