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सरकार ने पाक के नए नक्शे को किया खारिज, कहा- भारतीय क्षेत्रों पर झूठे दावे ना तो वैध, ना ही मान्य

विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के गलत नक्शे पर स्पष्ट कर दिया है कि उसका भारतीय क्षेत्रों पर इन झूठे दावों की ना तो कोई कानूनी वैधता है और ना ही अंतरराष्ट्रीय मान्यता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 11:23 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 11:23 PM (IST)
सरकार ने पाक के नए नक्शे को किया खारिज, कहा- भारतीय क्षेत्रों पर झूठे दावे ना तो वैध, ना ही मान्य
सरकार ने पाक के नए नक्शे को किया खारिज, कहा- भारतीय क्षेत्रों पर झूठे दावे ना तो वैध, ना ही मान्य

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत सरकार ने पाकिस्तान के सीमा पार से जारी आतंकवाद के दम पर सीमा में घुसपैठ करने की सनक को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के गलत नक्शे पर स्पष्ट कर दिया है कि उसका भारतीय क्षेत्रों पर इन झूठे दावों की ना तो कोई कानूनी वैधता है और ना ही अंतरराष्ट्रीय मान्यता है। विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने गुरुवार को राज्यसभा में सवालों का लिखित जवाब देते हुए कहा कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत सरकार जम्मू और कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान की दुर्भावनापूर्ण हरकतों और साजिशों का करारा जवाब दे रही है।

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नए नक्शे को बेतुका बताया

ध्यान रहे कि विगत चार अगस्त को पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और गुजरात के कुछ हिस्सों को अपने नए नक्शे में दिखाया था। मुरलीधरन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से जारी पाकिस्तान के नए नक्शे को बेतुका बताते हुए कहा कि भारत सरकार ने पाकिस्तान के इस सनक भरे कदम को पूरी तरह से नकार दिया है। साथ ही पाकिस्तान को यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह भारतीय क्षेत्रों पर अपने बढ़े हुए दावों को छोड़ दे क्योंकि इसकी ना तो कोई कानूनी वैधता है और ना ही अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता है।

साजिशों के लिए कोई स्थान नहीं

वी. मुरलीधरन ने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश सामान्य संबंध चाहता है। दोनों देशों के बीच जो भी मुद्दे हैं उनका समाधान द्विपक्षीय रूप से ही हो सकता है। लेकिन यह तभी होगा जब आतंकवाद मुक्त शांतिपूर्ण माहौल होगा। हिंसा और साजिशों के लिए कोई स्थान नहीं होगा। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सकारात्मक माहौल बनाना अब पाकिस्तान की जिम्मेदारी है। इसके लिए उसे कुछ विश्वसनीय, अपरिर्वतनीय और वैध कदम उठाने होंगे। इसके लिए पाकिस्तान को अपनी जमीन से भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को बंद करना होगा।

आतंकवाद का पोषक है पाक

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मंचों पर आतंकवाद के पाकिस्तान की विदेश नीति का हिस्सा बनने की बात को उठाता रहा है। भारत के इन्हीं प्रयासों के चलते अंतरराष्टीय मंचों पर यह स्थापित हो चुका है कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन ही नहीं करता बल्कि उसका पोषक भी है। जमात-उद-दावा, लश्कर ए तैयबा, जैश ए मुहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठन उसकी धरती पर ही फलफूल रहे हैं।

वीजा के मुद्दे पर अमेरिका के संपर्क में भारत

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार एच1बी वीजा कार्यक्रम समेत भारतीय प्रोफेशनलों की गतिविधियों को लेकर अमेरिकी प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस के संपर्क में है। उन्होंने बताया कि इन मुद्दों को सात जुलाई को भारत-अमेरिका विदेश कार्यालय कांसुलेशन की बैठक में उठाया गया था। हमने उनसे आग्रह किया है कि यह आपसी लाभ की साझेदारी है और इसे कुशल व्यवसायियों की सहज गतिविधि से मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि अमेरिकी वीजा में तब्दीली के बाद नान इमीग्रेंट वीजा कार्यक्रम वाले कुशल प्रोफेशनलों को कुछ समय के लिए दिक्कत होगी।

आयोजकों के न्योते पर 'हाउडी मोदी' में गए थे पीएम

विदेश राज्यमंत्री मुरलीधरन ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका में आयोजित हुए 'हाउडी मोदी-शेयर्ड ड्रीम्स, ब्राइट फ्यूचर' कार्यक्रम में नॉन प्राफिट आधार पर काम करने वाले आयोजकों के न्योते पर गए थे। उन्होंने राज्यसभा में इस चर्चित कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि टेक्सास इंडिया फोरम ने पिछले साल ह्यस्टन में 22 सितंबर को यह आयोजन किया था। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में लाखों भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित किया था।

सुरक्षा परिषद के विस्तार पर भारत सक्रिय

विदेश राज्य मंत्री के मुताबिक भारत ने अन्य सुधारवादी देशों के साथ तालमेल स्थापित किया है, ताकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी और अस्थायी सीटों की सदस्यता के लिए भारत अपनी दावेदारी और मजबूत कर सके। राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुरक्षा परिषद के विस्तार की संभावना के बीच भारत अपनी दावेदारी को पुख्ता तरीके से रख रहा है। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना में सबसे बड़ा योगदान देने वाला देश है और इसीलिए स्थायी सदस्यता का सबसे बड़ा हकदार है। 


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