कांग्रेस के इस नेता ने चंद्रयान-2 को लेकर ISRO के वैज्ञानिकों पर दिया बेतुका बयान
उदित ने कहां हमारे इसरो वैज्ञानिकों ने अगर नारियल फोड़ने और पूजा पाठ के विश्वास के बजाय वैज्ञानिक शक्ति और आधार पर विश्वास करते तो अब तक मिली आंशिक असफलता का मुंह ना देखना पड़ता।
नई दिल्ली, एजेंसी। टिकट नहीं मिलने पर भाजपा को छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए उदित राज ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने चंद्रयान-2 को लेकर इसरो की असफलता पर कटाक्ष किया है। उन्होंने ट्वीट कर वैज्ञानिकों को निशाने पर लिया। उनके इस ट्वीट की काफी आलोचना की जा रही है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'हमारे इसरो वैज्ञानिकों ने अगर नारियल फोड़ने और पूजा पाठ के विश्वास के बजाय वैज्ञानिक शक्ति और आधार पर विश्वास करते तो अब तक मिली आंशिक असफलता का मुंह ना देखना पड़ता।'
उदित राज के इस ट्वीट पर जितने लाइक नहीं है, उससे ज्यादा कमेंट है। बताते चले कि उनके इस ट्वीट पर लोग उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे है। उनको संभाल कर ट्वीट करने की हिदायत दी जा रही है। एक यूजर ने लिखा, 'बिना ईश्वर के विश्वास के क्या कुछ संभव है'। वहीं, एक दूसरे यूजर ने उदित को जवाब में कहा, 'किसने कहा यह असफलता है?, बचा झंडा गाड़ने की बात तो बस, तैयार रहे अगले बरस, वह भी हमारे वैज्ञानिक नारियल फोड़कर और पूजा के बाद जयघोष कर सुना देंगे।'
ISRO प्रमुख ने बताया संपर्क टूट गया
चंद्रयान के विक्रम लैंडर का ISRO से संपर्क टूट गया है। इस बात की घोषणा ISRO प्रमुख के सिवन ने खुद की थी। सिवन ने बताया था कि विक्रम लैंडर के चांद पर उतरने का मिशन योजना के मुताबिक चल रहा था और 2.1 किलोमीटर ऊंचाई तक सबकुछ सामान्य था, उसके बाद विक्रम का ग्राउंड स्टेशन संपर्क टूट गया। वहीं, उस दौरान उन्होंने यह भी बताया था कि डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।
हौसले अब भी बुलंद
बता दें कि चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम का चांद की सतह छूने से पहले इसरो से संपर्क टूट गया था। संपर्क टूटने के बाद मिशन चंद्रयान 2 को लेकर करोड़ो लोगों के चेहरे पर मायूसी आ गई थी। हालांकि, इसरो ने तरफ से कहा गया कि उम्मीदें अभी कायम हैं। इसरो अभी हिम्मत नहीं हारा है वैज्ञानिकों के हौसले पूरी तरह से अब भी बुलंद हैं।
चंद्रयान-2 के तीन हिस्से
चंद्रयान-2 के तीन हिस्से थे - ऑर्बिटर, लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान। फिलहाल लैंडर-रोवर से संपर्क भले ही टूट गया है लेकिन ऑर्बिटर की उम्मीदें अभी कायम हैं। लैंडर-रोवर को दो सिंतबर को ऑर्बिटर से अलग किया गया था। ऑर्बिटर इस समय चांद से करीब 100 किलोमीटर ऊंची कक्षा में चक्कर लगा रहा है।