छत्तीसगढ़ में दो पुलिस अधिकारियों ने छोड़ी नौकरी, अब चुनावी जंग में उतरने की तैयारी
डीएसपी विभोर सिंह और इंस्पेक्टर गिरजा शंकर जोहर ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी एएन उपाध्याय को अपना इस्तीफा सौंपा।
रायपुर (नईदुनिया)। छत्तीसगढ़ की चुनावी जंग में अपना भाग्य आजमाने के लिए दो पुलिस अधिकारियों ने अपनी नौकरी छोड़ दी है। डीएसपी विभोर सिंह और इंस्पेक्टर गिरजा शंकर जोहर ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी एएन उपाध्याय को अपना इस्तीफा सौंपा। दोनों कांग्रेस के टिकट के दावेदार हैं। विभोर सिंह की दावेदारी कोटा से है, जबकि जोहर मस्तूरी विधानसभा से दावेदारी कर रहे हैं।
अब आगे विकास के लिए करना है काम
अपना इस्तीफा डीजीपी को सौंपने के बाद विभोर सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, 'मैं अपनी जन्मभूमि के पिछड़ेपन से दुखी हूं और इसी वजह से एक जनप्रतिनिधि के रूप में काम करते हुए क्षेत्र का विकास चाहता हूं। मेरा शुरू से सपना रहा है कि मेरे क्षेत्र की विशिष्टताओं और इसके विकास के साथ इसे राष्ट्रीय पहचान मिले। अब चुनाव लड़कर इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए काम करूंगा।'
छात्र राजनीति में रहे सक्रीय
विभोर सिंह लंबे समय से रायपुर में पदस्थ थे। अभी कुछ महीनों से वे छुट्टी पर थे। विभोर का कांग्रेस से पुराना नाता है। वे बिलासपुर विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं और एनएसयूआइ के उपाध्यक्ष भी थे।
नक्सल मोर्चे पर लगी थी गोली
पुलिस अफसर विभोर को वर्ष 2003 में गोली लगी थी। यही नहीं, वर्ष 2004 में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में भी वे घायल हो गये थे। जिसके बाद उनके साथी जंगल से उन्हें उठाकर लाए थे। बताया जा रहा है कि वे बिलासपुर के कोटा विधानसभा से ताल ठोंकने की तैयारी में हैं। यहां से कांग्रेस की पूर्व उपनेता प्रतिपक्ष रेणु जोगी विधायक हैं। वहीं, गिरजा शंकर जोहर की दावेदारी मस्तूरी विधानसभा से है। पिछले एक दशक में गिरजा बिलासपुर और मस्तुरी के कई थानों में पदस्थ थे। उनकी क्षेत्र में अच्छी पकड़ बताई जा रही है। मस्तुरी से कांग्रेस के दिलीप लहरिया विधायक हैं।