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केंद्र सरकार ने वाट्सएप के बाद ट्विटर को भी दी सख्त चेतावनी, इधर-उधर की बातें छोड़ कानून का पालन करें सोशल मीडिया प्लेटफार्म

सरकार ने साफ संकेत दिए हैं कि भारतीय कानूनों को नजरअंदाज कर रहे इंटरनेट मीडिया को अब रास्ते पर आना ही होगा। सरकार ने ट्विटर को भी सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के मुद्दे पर लोगों को भटकाने के बजाय भारत के कानून का पालन करे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 06:51 PM (IST)Updated: Fri, 28 May 2021 07:00 AM (IST)
केंद्र सरकार ने वाट्सएप के बाद ट्विटर को भी दी सख्त चेतावनी, इधर-उधर की बातें छोड़ कानून का पालन करें सोशल मीडिया प्लेटफार्म
ट्विटर के बयान पर केंद्र सरकार ने प्रतिक्रिया दी है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकार ने साफ संकेत दिए हैं कि लंबे अरसे से भारतीय कानूनों को नजरअंदाज कर रहे इंटरनेट मीडिया को अब रास्ते पर आना ही होगा। वाट्सएप के बाद गुरुवार को सरकार ने ट्विटर को भी सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के मुद्दे पर लोगों को भटकाने के बजाय भारत के कानून का पालन करे। ट्विटर के आरोप को पूरी तरह आधारहीन और गलत करार देते हुए सरकार ने कहा कि ट्विटर अपनी नाकामी छिपाने के लिए भारत की छवि को धक्का पहुंचाना चाहती है। ट्विटर सिर्फ एक इंटरनेट मीडिया इंटरमीडिएरीज है और उसे भारत के वैधानिक फ्रेमवर्क में दखलअंदाजी का कोई हक नहीं है। ट्विटर ग्राहकों की आजादी पर भी मनमाना ब्रेक लगाती है और भारत के साथ पक्षपात भी करती है।

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ट्विटर ने भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को खतरे में बताया था

सरकार की तरफ से ऐसे उदाहरण भी पेश किए गए, जिसमें ट्विटर ने भारत के हितों को नुकसान पहुंचाया है।भारत के आइटी नियमों को लेकर ट्विटर ने अपने बयान में कहा था कि वह उसमें बदलाव कराने की कोशिश करेगी, ताकि उसके प्लेटफार्म पर खुले और मुक्त रूप से वार्तालाप हो सके। ट्विटर ने भारत में अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करते हुए भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को खतरे में बताया था। हाल ही में भाजपा प्रवक्ता के एक ट्वीट को मैनिपुलेटेड चिह्नित करने पर पुलिस पूछताछ के लिए ट्विटर के दफ्तर में गई थी। ट्विटर ने इसे पुलिसिया धमकी वाली कार्रवाई बताया। ट्विटर ने इंटरनेट मीडिया को लेकर जारी सरकारी निर्देशों का पालन करने के लिए सरकार से तीन महीने का समय मांगा है।

कहा, दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था को अभिव्यक्ति की आजादी का अर्थ न समझाए

इलेक्ट्रानिक्स एवं आइटी मंत्रालय ने ट्विटर के बयानों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि देश से मुनाफे का कारोबार करने वाली ट्विटर दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था को अभिव्यक्ति की आजादी का अर्थ न समझाए। भारत में आजादी मूलभूत है लेकिन ट्विटर का रवैया दोहरा है। वह खुद को बचाने के लिए आजादी को ढाल बना रही है, जबकि भारत में उसने अपना कोई मैकेनिज्म तैयार नहीं किया है। उसका हर आदेश अमेरिका से आता है। भारत में शिकायत तक के लिए कोई मंच नहीं बनाया है। जब चाहे किसी को ब्लाक करती है और उसे सुनवाई का अधिकार तक नहीं दिया जाता। भारत ऐसी मनमानी सहने को तैयार नहीं है।

ट्विटर की प्रतिबद्धता को लेकर सवाल उठाए

मंत्रालय ने भारत के प्रति ट्विटर की प्रतिबद्धता को लेकर भी सवाल उठाए। मंत्रालय ने बताया कि जब भारत और चीन सीमा विवाद को लेकर वार्ता कर रहे थे तो ट्विटर ने लद्दाख के कुछ हिस्सों को चीन के हिस्से के रूप में दिखा दिया। कई बार कहने के बावजूद इस बड़ी गलती को ठीक करने में ट्विटर ने काफी दिन लगा दिए। कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान लाल किले पर उपद्रव से जुड़े ट्वीट जो भारत की अखंडता के लिए खतरनाक हो सकते थे, उन्हें हटाने के लिए ट्विटर को कई बार कहना पड़ा, जबकि इसी ट्विटर ने अमेरिका के कैपिटल हिल में हुए उत्पात को लेकर तत्काल कदम उठाया था।

भारत के कानून का पालन करना ही होगा

भारत में वैक्सीन को लेकर हिचक पैदा करने वालों पर भी ट्विटर ने कोई कदम नहीं उठाया। कोरोना के डबल म्यूटेंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इंडियन वैरिएंट कहने से मना किया, लेकिन ट्विटर पर कुछ लोग इसे इंडियन वैरिएंट कह रहे हैं और भारत को बदनाम कर रहे हैं। ट्विटर ने इसकी भी सुध नहीं ली और खुद को भारत के लोगों का हितरक्षक बता रही है। केंद्र सरकार ने साफ किया कि देश में सभी इंटरमीडिएरीज के हितों की रक्षा होगी, लेकिन उन्हें भारत के कानून का पालन करना ही होगा।

ध्यान रहे कि सरकार ने तीन महीने पहले भारत के अंदर कुछ ऐसी व्यवस्था करने का निर्देश दिया था जिससे यहां के लोग किसी शिकायत की स्थिति में संपर्क कर सकें। फेसबुक, गूगल और इंस्टाग्राम जैसी इंटरनेट मीडिया कंपनियों ने तो इसकी तैयारी के संकेत दिए हैं, लेकिन ट्विटर का रुख ढीला है।

टूलकिट मामले की जांच में बाधा डाल रहा ट्विटर : पुलिस

उधर, दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस मामले की जांच में ट्विटर की तरफ बाधाएं खड़ी की जा रही हैं और वह जांच व न्यायनिर्णायक प्राधिकारी होने का प्रयास कर रहा है।गुरुवार को जारी आधिकारिक बयान में पुलिस ने कहा कि ट्विटर की तरफ से गलत बयानबाजी की जा रही है कि सरकार के कहने पर उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जबकि असल में ऐसा नहीं है। सच्चाई यह है कि सरकार ने ही ट्विटर के खिलाफ केस दर्ज करने से मना किया है। टूलकिट मामले में सिर्फ प्राथमिक जांच की जा रही है और कोई केस दर्ज नहीं किया गया है।


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