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संसदीय समिति ने कहा, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में सहयोग करे ट्विटर, फेसबुक को भी बुलाया

अनुराग ठाकुर ने ट्विटर से सुनिश्चित करने को कहा है कि विदेशी संस्थाओं द्वारा भारतीय चुनाव कतई प्रभावित न किए जा सकें।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 25 Feb 2019 03:14 PM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2019 06:49 PM (IST)
संसदीय समिति ने कहा, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में सहयोग करे ट्विटर, फेसबुक को भी बुलाया
संसदीय समिति ने कहा, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में सहयोग करे ट्विटर, फेसबुक को भी बुलाया

नई दिल्ली, प्रेट्र/आइएएनएस। एक संसदीय समिति ने ट्विटर से कहा है कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर सामग्री के जरिये स्वतंत्र एवं निष्पक्ष लोकसभा चुनाव के आयोजन में सहयोग सुनिश्चित करे। ट्विटर के ग्लोबल वाइस प्रेसीडेंट (पब्लिक पॉलिसी) कॉलिन क्रोवेल अपने अधिकारियों के साथ सोमवार को भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष पेश हुए।

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इस दौरान समिति ने उनसे चुनाव अधिकारियों से बात करने के लिए भी कहा ताकि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव से जुड़े दिशा-निर्देशों का रीयल टाइम में कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। ट्विटर अधिकारियों के साथ समिति की यह बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक चली।

इसी क्रम में छह मार्च को समिति ने फेसबुक, वाट्सएप और इंस्टाग्राम के पब्लिक पॉलिसी प्रमुखों को भी तलब किया है। इसके तहत संसदीय समिति ने फेसबुक के अधिकारियों को सवाल-जवाब के लिए 6 मार्च से पहले मिलने के लिए बुलाया है।

पत्रकारों से बातचीत में अनुराग ठाकुर ने सोमवार की बैठक के बारे में बताया कि कॉलिन क्रोवेल ने समिति के अधिकांश सवालों के जवाब दिए और उन्होंने आश्वस्त किया कि वह अन्य सवालों के जवाब भी 10 दिनों के भीतर दे देंगे।

उन्होंने ने कहा, 'लोकसभा चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष होने चाहिए। अमेरिका की तरह यहां किसी भी तरह की शिकायत नहीं होनी चाहिए।' उन्होंने बताया कि यह बैठक समिति के पास आईं उन शिकायतों के बाद बुलाई गई थी जिनमें आरोप लगाया गया था कि ट्विटर पर दक्षिणपंथियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

दरअसल, यूथ फॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी (वाईएसएमडी) ने ट्विटर पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए में नई दिल्ली स्थित इसके ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। 31 जनवरी को अनुराग ठाकुर को सौंपे गए दस्तावेज में वाईएसएमडी ने कहा था, 'वामपंथी विचारधारा वाले उन खातों के प्रति कोई कार्रवाई नहीं होती है, जो लगातार आक्रामक, गाली गलौच से भरपूर और धमकी वाले पोस्ट करते हैं। जबकि यह ट्विटर के नियमों के खिलाफ होता है।


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