स्टेशन पुनर्विकास योजना को रफ्तार देने के लिए पुरानों को हटाकर नए स्टेशनों को मिली तरजीह
पुनर्विकास कार्यो में यात्रियों से संबंधित बुनियादी ढांचागत सुविधाओं का उच्चीकरण एवं सुंदरीकरण किया जाएगा।
संजय सिंह, नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने स्टेशन पुनर्विकास योजना को रफ्तार देने के लिए पहले शामिल कुछ स्टेशनों को हटाकर उनकी जगह नए स्टेशनों को योजना लिया है। उदाहरण के लिए लखनऊ स्टेशन की जगह गोरखपुर और वैशाली की जगह हाजीपुर को लिया गया है। जबकि नालंदा की जगह पाटलिपुत्र और ग्वालियर की जगह झांसी को तरजीह दी गई है। इसी तरह कटिहार के बजाय दार्जिलिंग तथा धनबाद के बजाय अब बरकाकाना स्टेशन का विकास होगा।
आम चुनाव से पहले योजना पर अमल दर्शाने के लिए फेरबदल
शुरू में 600 स्टेशनों के पुनर्विकास का प्रस्ताव था, लेकिन अगले वर्ष लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अंतत: हर डिवीजन में कम से कम एक स्टेशन पर चुनाव से पहले काम शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इस तरह दो वर्षो में कुल 68 स्टेशनों का पुनर्विकास होगा। इसकी जिम्मेदारी मंडल प्रबंधकों को सौंपी गई है, जो रेलवे बोर्ड की निगरानी में योजना को मूर्त रूप देंगे।
लखनऊ की जगह गोरखपुर व नालंदा की जगह पाटलिपुत्र ने ली
रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार योजना के तहत बापूधाम मोतीहारी के रूप में पहले स्टेशन का पुनर्विकास इस वर्ष अप्रैल में पूरा कर लिया गया था। जबकि बाकी 67 स्टेशनों के टेंडर निकाले जा चुके हैं। पहले बापूधाम मोतीहारी की जगह समस्तीपुर स्टेशन का चयन किया गया था, लेकिन 2 अक्टूबर को गांधी जी की डेढ़ सौ वीं जयंती को देखते हुए बापूधाम मोतीहारी को सबसे पहले पूरा करने का निर्णय हुआ।
वैशाली, कटिहार व ग्वालियर के बजाय हाजीपुर, दार्जिलिंग व झांसी
योजना के तहत उत्तर, पूर्व और मध्य भारत के जिन अन्य प्रमुख स्टेशनों की साज-संवार होगी उनमें इलाहाबाद, मथुरा, वाराणसी सिटी, इज्जतनगर, पुरानी दिल्ली, अंबाला, शिमला, देहरादून तथा हरिद्वार शामिल हैं। इसके अलावा पटना, धनबाद, मुगलसराय, सोनपुर, चक्रधरपुर, रांची, आसनसोल, हावड़ा, सियालदह, अलीद्वारपुर और आद्रा, भोपाल, रतलाम और जबलपुर स्टेशन का भी कायाकल्प होगा।
धनबाद के जगह अब बरकाकाना स्टेशन का होगा कायाकल्प
पुनर्विकास कार्यो में यात्रियों से संबंधित बुनियादी ढांचागत सुविधाओं का उच्चीकरण एवं सुंदरीकरण किया जाएगा। इनमें फुट ओवरब्रिज, लिफ्ट, एस्केलेटर की स्थापना, प्लेटफामरें का विस्तार तथा वॉशेबल एप्रन एवं बाउंड्री वॉल जैसे निर्माण कार्य शामिल हैं। इन्हें एक वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। जबकि दो वर्ष के भीतर जो कार्य संपन्न होने हैं, उनमें मुख्य प्रवेश द्वार, बारादरी, बुकिंग एरिया, प्रतीक्षालय, स्टेशन सुप्रिंटेंडेंट, स्टेशन मास्टर और सुरक्षा अधिकारी के कार्यालयों का कायाकल्प और प्लेटफार्मो की साज- सज्जा के साथ कचरा प्रबंधन एवं निस्तारण तंत्र की स्थापना शामिल है। इसके अतिरिक्त स्टेशन पर सशुल्क एक्जीक्यूटिव लाउंज के साथ प्लेटफार्मो पर एलईडी लाइट्स एवं मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट्स इत्यादि की व्यवस्था करना भी योजना का अंग है।