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Goa Politics: पछता रहे हैं BJP को छोड़ दूसरी पार्टियों का दामन थामने वाले- तानावाडे

40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में अभी BJP के 20 सदस्य कांग्रेस के 11 आम आदमी पार्टी (AAP) के दो MGP के दो स्वतंत्र तीन और गोवा फारवर्ड पार्टी (GFP) के एक और RGP (Revolutionary Goans Party) के एक सदस्य हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 04 Aug 2022 10:52 AM (IST)Updated: Thu, 04 Aug 2022 10:52 AM (IST)
Goa Politics: पछता रहे हैं BJP को छोड़ दूसरी पार्टियों का दामन थामने वाले- तानावाडे
पछता रहे हैं BJP को छोड़ दूसरी पार्टियों का दामन थामने वाले- तानावाडे

 पणजी, एजेंसी। गोवा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रदेश अध्यक्ष सदानंद तानावाडे (Sadanand Tanavade) ने कहा है कि इस साल की शुरुआत में राज्य विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी से निकल दूसरे  दलों में शामिल होने वालों को अब पछताना पड़ रहा है। दरअसल ऐसे नेताओं की नजर राज्य के मुख्यमंत्री पद पर थी। मापुसा में रिपोर्टरों से बात करते हुए तानावाडे ने कहा कि कुछ  BJP के नेताओं ने पार्टी को छोड़ दिया था। इनका मानना था कि कांग्रेस की चुनाव में जीत होगी। उनकी यह सोच गलत थी कि चुनाव के बाद BJP राज्य में सरकार का गठन नहीं कर सकेगी। 

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40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में अभी BJP के 20 सदस्य, कांग्रेस के 11, आम आदमी पार्टी (AAP) के दो, MGP के दो , स्वतंत्र तीन और गोवा फारवर्ड पार्टी (GFP) के एक और RGP (Revolutionary Goans Party) के एक सदस्य हैं।

सरकार की सत्ता के लालच में पार्टी छोड़ गए नेता  

तानावाडे ने बताया, 'हमने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन उनका मानना था कि राज्य में सरकार का गठन कांग्रेस करेगी और यह सोचकर उसमें चले गए।' उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन कांग्रेस की जीत नहीं हुई। BJP ने 20 सीटों पर जीत हासिल की और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) व निर्दलीय दलों के साथ मिलकर स्थायी सरकार का गठन कर लिया। इसलिए जिन्होंने हमें उस वक्त छोड़ा अब पछता रहे हैं।' 

BJP के वरिष्ठ नेताओं माइकल लोबो (Michael Lobo) और कालोस अलमेडा (Carlose Almeida) कुछ नेता थे जिन्होंने कांग्रेस से अपना हाथ मिला लिया। सिओलिम विधानसभा क्षेत्र से अपनी पत्नी दलीला को उम्मीदवारी न मिलने पर लोबो नाराज थे। लोबो दंपती कांग्रेस के टिकट पर अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से चुने गए। इन नेताओं के दोबारा पार्टी में एंट्री को लेकर तानावडे ने कहा कि फैसला पूरी तरह से शीर्ष नेतृत्व पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पार्टी के आलाकमान हैं और यह फैसला उनके ही हाथ है। तानावडे का यह बयान कांग्रेस पार्टी में बढ़ रही दरार के बीच आया है।


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