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'पाकिस्तान नेशनल डे' को लेकर भारत का बड़ा फैसला, नहीं भेजेंगे कोई भी प्रतिनिधि

भारत सरकार ने नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित पाकिस्तान नेशनल डे पर किसी भी आधिकारिक प्रतिनिधि को नहीं भेजने का फैसला किया है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 10:12 AM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 11:09 AM (IST)
'पाकिस्तान नेशनल डे' को लेकर भारत का बड़ा फैसला, नहीं भेजेंगे कोई भी प्रतिनिधि
'पाकिस्तान नेशनल डे' को लेकर भारत का बड़ा फैसला, नहीं भेजेंगे कोई भी प्रतिनिधि

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत सरकार ने 'पाकिस्तान नेशनल डे' को लेकर एक बड़ा बयान दिया हैं। सरकार ने नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में 'पाकिस्तान नेशनल डे' समारोह में किसी भी आधिकारिक प्रतिनिधि को नहीं भेजने का फैसला किया है। सरकार के अधिकारी ने कहा कि भारत 23 मार्च को आयोजित होने जा रहे 'पाकिस्तान नेशनल डे' का बहिष्कार करेगा। आधिकारिक फैसले में कहा गया है कि पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है, जिस वजह से हमने इसका बहिष्कार किया।

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जम्मू-कश्मीर में हुए पुलावामा हमले के बाद से ही भारत ने हर कदम पर पाकिस्तान से नाराजगी जताई है। बता दें कि पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों ने अपनी जान गवांई थी। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद ने ली थी।

बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में पनाह लिए आतंकियों पर उचित कदम उठाए। बोखलाए पाकिस्तान ने हर वो कोशिशें की जिससे भारत की सुरक्षा-व्यवस्था बिगाड़ सके, लेकिन उसे हर कदम पर मुकी खानी पड़ी। जहां अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ने के बाद पाकिस्तान ने कई बार बातचीत के जरिए सभी मामलों को सुलझाने का दावा किया। लेकिन हर बार अपने वादे से मुकरने वाले पाकिस्तान को भारत ने मौका नहीं दिया। इसी कड़ी में भारत ने 'पाकिस्तान नेशनल डे' के मौके पर अपने किसी भी आधिकारिक प्रतिनिधि को नहीं भेजने का फैसला लिया।

जब से लेकर अब तक भारत ने पाकिस्तान से कड़े रूप में अपनी नाराजगी जाहिर की है। वहीं पाकिस्तान ये दिखाने की कोशिश कर रहा है कि उसने अपने देश में आतंकियों पर कार्रवाई की। भारत में आतंकी वारदातों के बाद जब भी पाकिस्तान पर दबाव बढ़ता है तो पड़ोसी देश यह दिखाने में जुट जाता है कि वह आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने में सख्ती दिखा रहा है। कुछ ही दिन बीतने के बाद फिर सब कुछ सामान्य हो जाता है।

पुलवामा हमले और उसके बाद भारत की तरफ से बालाकोट में की गई कार्रवाई के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने 44 आतंकियों को नजरबंद करने और आतंकी सगंठनों की गतिविधियों को लगाम लगाने जैसी कुछ कार्रवाई की, लेकिन हफ्ते भर बीतते ही इसकी सच्चाई सामने आने लगी है।


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