रोहिंग्या शरणार्थियों तक पहुंची आपरेशन इंसानियत के तहत भारतीय मदद की तीसरी खेप
भौगोलिक तौर पर हम पड़ोसी हैं, लेकिन भावनात्मक तौर पर एक परिवार हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत ने आपरेशन इंसानियत के तहत बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को एक बार फिर भारी मदद पहुंचाई है। भारत की तरफ से भेजे गये 11 लाख टन किरोसिन तेल, 20 हजार केरोसिन चूल्हे रोहिंग्याई शरणार्थियों को सौंप दिए गए हैं। इन सामानों को बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय दल ने सौंपे। इस अवसर पर ढाका में भारत के उच्चायुक्त एचवी श्रींगला व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (बांग्लादेश-म्यांमार) विक्रम दोराईस्वामी भी उपस्थित थे। आपरेशन इंसानियत के तहत यह मदद की तीसरी खेप है जो बांग्लादेश पहुंची है।
पिछले वर्ष जब बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर म्यांमार से रोहिंग्याई शरणार्थी पहुंचने लगे थे। तब भारत ने उनकी मदद के लिए इस आपरेशन की शुरुआत की थी। इसके पीछे एक खास मकसद यह भी है कि इन शरणार्थियों को इन राहत शिविरों से बाहर निकलने से रोका जा सके। इनके बाहर निकल कर भारत तक आने की सूचनाएं लगातार आती रहती हैं।
भारत व बांग्लादेश के बीच दो और परियोजनाओं का शिलान्यास
बताते चलें कि सोमवार को भारत की तरफ से यह मदद पहुंची है और मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने वीडिया कांफ्रेंसिंग के जरिए दो संयुक्त परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। इसमें एक परियोजना का नाम भारत-बांग्लादेश फ्रेंडशिप पाइपलाइन है। इसके जरिए पड़ोसी देश को डीजल की आपूर्ति की जाएगी। जबकि दूसरी परियोजना ढाका-टोंगी-जयदेबपुर के बीच रेलवे लाइन से जुड़ी हुई है।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने एक संक्षिप्त भाषण भी दिया जिसमें उन्होंने कहा कि, इस तरह की परियोजनाएं दोनो देशों के बीच वर्ष 1965 से पहले वाली कनेक्टिविटी स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि भौगोलिक तौर पर हम पड़ोसी हैं, लेकिन भावनात्मक तौर पर एक परिवार हैं।
पीएम मोदी व पीएम शेख हसीना ने एक हफ्ते पहले ही इस तरह से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए तीन और परियोजनाओं का शिलान्यास किया था।