MP Politics : विधानसभा अध्यक्ष की दौड़ में कई दिग्गज हैं शामिल, विंध्य क्षेत्र का पलड़ा है भारी
प्रोटेम स्पीकर रहे जगदीश देवड़ा भी पहले दौड़ में थे लेकिन शिवराज कैबिनेट में देवड़ा को मंत्री बनाए जाने के बाद अब अनुसूचित जाति वर्ग से दावेदारी खत्म हो गई है। भाजपा 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में भी विजयी रही है।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। भारतीय जनता पार्टी की शिवराज सिंह चौहान सरकार में मध्य प्रदेश विधानसभा का अध्यक्ष कौन होगा, इस बात को लेकर पार्टी में मंथन शुरू हो गया है। फिलहाल पार्टी में जिन नामों को लेकर गंभीरता से विचार चल रहा है, उनमें विंध्य क्षेत्र का पलड़ा भारी है। शिवराज कैबिनेट में विंध्य को सम्माजनक स्थिति नहीं मिल पाने के कारण गिरीश गौतम, केदार शुक्ला, राजेंद्र शुक्ल सहित कुछ अन्य के नाम स्पीकर की दौड़ में आगे हैं। पूर्व मंत्री अजय विश्नोई और यशपाल सिंह सिसौदिया सहित पूर्व अध्यक्ष सीतासरन शर्मा के नाम को भी संगठन ने विचार में लिया है।
प्रोटेम स्पीकर रहे जगदीश देवड़ा भी पहले दौड़ में थे, लेकिन शिवराज कैबिनेट में देवड़ा को मंत्री बनाए जाने के बाद अब अनुसूचित जाति वर्ग से दावेदारी खत्म हो गई है। भाजपा 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में भी विजयी रही है। ऐसे हालात में अब भौगोलिक आधार पर राजनीतिक संतुलन बनाना भी पार्टी में अहम हो गया है।
मालूम हो, अभी विधानसभा में सामयिक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) रामेश्वर शर्मा हैं। इधर, विंध्य की सियासत में ब्राह्मण और ठाकुरों का संतुलन बनाए रखने के लिए नागेंद्र सिंह नागौद के नाम पर भी विचार किया जा रहा है। विंध्य में लंबे समय से राजेंद्र शुक्ल ही सत्ता के एकमात्र केंद्र रहे हैं।
शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं नागौद
शुक्ल के विरोध को देखकर ही भाजपा नेतृत्व ने नागेंद्र सिंह नागौद का नाम स्पीकर के दावेदारों की सूची में रखा है। नागौद पहले शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में वे खजुराहो सीट से सांसद भी रहे। राज्यसभा के चुनाव में दो सीट जीतने के बाद से ही विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन टलता जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फिलहाल स्पष्ट कर दिया है कि मंत्रिमंडल विस्तार अभी नहीं होगा, लेकिन विधानसभा सत्र से पहले उसे स्पीकर के निर्वाचन की तैयारी करनी होगी।
मध्य प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता डॉ दीपक विजयवर्गीय ने बताया कि विधानसभा सत्र से पहले स्पीकर के चयन पर पार्टी फैसला कर लेगी। इस संबंध में सभी पहलू पार्टी के ध्यान में हैं। सही समय पर सभी वरिष्ठ नेताओं से परामर्श कर फैसला लिया जाएगा।