जानें भारत के वो 15 प्वाइंट्स जो ICJ में पाकिस्तान के दावे की उड़ा सकते हैं धज्जियां
आईसीजे में पाकिस्तान का फिर मुंह की खाना तय है। हम आपको उन प्वाइंट्स के बारे में बता रहे हैं जो भारत की दलील बन सकते हैं।
By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 03:29 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 03:29 PM (IST)
नई दिल्ली जागरण स्पेशल। आईसीजे में जाने वाला पाकिस्तान भलीभांति जानता है कि उसका वहां पर क्या हाल होने वाला है। बहरहाल, पाकिस्तान जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर कुछ भी दावे करता रहे, लेकिन उसके ये दावे भारत के आगे कहीं भी नहीं टिक सकेंगें। आईए 20 बिंदुओं में जान लेते हैं कि आखिर वो क्या दलीलें हो सकती हैं जो पाकिस्तान के दावों की धज्जियां उड़ा सकती हैं।
खास हैं ये 20 प्वाइंट्स :-
- जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान ने आजादी के बाद कबालियों से हमला करवाकर की थी हड़पने की कोशिश।
- कबाइली हमले के बाद जम्मू कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह ने भारत से विलय को लेकर की थी संधि।
- बीते सात दशकों में पाकिस्तान ने धन का लालच देकर लोगों को आतंकी बनाया। बीते सात दशकों से पाकिस्तान की जमीन आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह बनी हुई है। यहां से न सिर्फ भारत के जम्मू कश्मीर में बल्कि पूरी दुनिया में आतंकवाद को एक्सपोर्ट किया जा रहा है। यही वजह है कि एफएटीएफ (FATF) की तलवार उसके ऊपर लटकी हुई है।
- जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर कई मुस्लिम राष्ट्रों ने सीधेतौर पर भारत का पक्ष लिया है और पाकिस्तान के पक्ष को नकारा है।
- भारत पाकिस्तान से जम्मू कश्मीर समेत सभी मुद्दों पर वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए उसको अपने यहां से आतंकवाद की फैक्ट्रियों को खत्म करना होगा। दूसरी शर्त है कि भारत जम्मू कश्मीर के उसी हिस्से पर बात करेगा जिसको गुलाम कश्मीर कहा जाता है और जिस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा (PoK) किया हुआ है।
- पाकिस्तान की नापाक मंशा को ध्यान में रखते हुए ही अनुच्छेद 370 को खत्म करने से पहले पूरे राज्य में सुरक्षा के सभी उपाय किए गए। सरकार धीरे-धीरे हालात को सामान्य बना रही है। स्कूल व कॉलेज खोले जा रहे हैं। वहां के लोगों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों को सभी सहुलियतें और सुरक्षित माहौल देने की तरफ काम कर रही है।
- पाकिस्तान लगातार जम्मू कश्मीर को केवल मुस्लिम आबादी वाला राज्य बताता आया है, जबकि हकीकत ये है कि यहां पर मुस्लिमों के अलावा हिंदू समेत पंजाबी समुदाय भी दशकों से रहता आया है। लेकिन पाकिस्तान द्वारा फैलाए गए प्रायोजित आतंकवाद के चलते यहां से हिंदुओं को डरा धमकाकर बाहर निकाल दिया गया और उनके मकानों पर कब्जा जमा लिया गया।
- पाकिस्तान लगातार जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ाने के मकसद से फंडिंग करता रहा है।
- पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल (रिटायर्ड) परवेज मुशरर्फ इस बात को कुबूल कर चुके हैं कि भारत में हमले करवाने के लिए कई बार जैश ए मुहम्मद की मदद ली गई है।
- पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के चलते जम्मू कश्मीर के लोग शिक्षा और विकास में पिछड़ गए हैं। आतंकियों ने अलगाववादियों से मिलकर यहां के स्कूलों में आग लगवाई, दंगे करवाए।
- पाकिस्तान हमेशा से ही भारतीय सेना की गलत छवि पेश करता आया है। जबकि हकीकत ये है कि सेना वहां पर कश्मीरियों की मदद कर रही है।
- पाकिस्तान के अधिकारी संयुक्त राष्ट्र में गलत तस्वीरें दिखाकर भारत के खिलाफ गलत बयानजबाजी करते रहे हैं। जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय बेहतर तरीके से जानता है। पाकिस्तान की संयुक्त राष्ट्र में अधिकारी मलिहा लोधी इसका जीता जागता सुबूत हैं जिन्होंने गाजा पट्टी में घायल हुई एक लड़की की तस्वीर को कश्मीरी लड़की बताकर पूरी दुनिया में अपनी हंसी उड़वाई थी।
- जैश ए मुहम्मद द्वारा भारतीय सेना पर हमले के बाद ही भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक की थी, जिसका कई मुल्कों ने स्वागत किया था।
- जम्मू कश्मीर भारत के फैसले को सही बताने वालों की कोई कमी नहीं है, लेकिन सरकारें उनको कभी सामने नहीं आने देती हैं।
- पाकिस्तान का एक बुद्धिजीवी वर्ग लगातार पाकिस्तान की कारगुजारियों को दुनिया के सामने रख रहा है।
- पाकिस्तान की सभी हुकूमतें वहां पर सेना के हाथों नियंत्रित होती आई हैं, वहां पर लोकतंत्र के नाम पर सेना सरकार चलाती है। यह बात किसी से छिपी नहीं रही है। सेना किसी भी सूरत से जम्मू कश्मीर में आतंकमुक्त माहौल बनाने की पक्षधर नहीं रही है।
- एलओसी पर भी पाकिस्तान ने सेना के साथ आतंकियों की फौज को तैनात किया है। यह फोर्स भारतीय सीमा में घुसपैठ करती और करवाती है तथा पूर्व में कई बार भारतीय जवानों के शवों को क्षतविक्षत करने जैसे निंदनीय काम को अंजाम देती रही है।
- पाकिस्तान लगातार ये कहता रहा है कि भारत ने अनुच्छेद 370 को खत्म अपने ही संविधान का मजाक उड़ाया है, जबकि सच्चाई ये है कि भारतीय संविधान के मुताबिक और अनुच्छेद 370 में निहित आधारों पर ही इसको खत्म किया गया है।
- जम्मू कश्मीर और यहां की कानून व्यवस्था और यहां की संवैधानिक स्थिति पूरी तरह से भारत का अंदरुणी मामला है, इस पर किसी भी देश की दखलअंदाजी का सवाल ही नहीं उठता है।
- पाकिस्तान लगातार भारत में रहने वाले मुस्लिमों की आजादी खतरे में कहकर भारत की गलत छवि को पेश करने की कोशिश करता रहा है, जबकि सच्चाई ये है कि भारत के मुस्लिम जो कि पाकिस्तान की कुल आबादी से भी अधिक हैं, जम्मू कश्मीर पर लिए गए फैसले को सही मानते हैं।
जिस इस्लामिक संगठन पर इतराता है पाकिस्तान उसके तो कई देश हैं भारत के साथ
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