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MP Politics: भाजपा के मिशन लोटस में शामिल इन पांच पूर्व विधायकों पर है कांग्रेस की नजर

मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच इन पांचों को लेकर असमंजस की स्थिति बनने से कांग्रेस को उम्मीद जागी है कि इनमें से कुछ पार्टी में वापसी कर सकते हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 07:57 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 08:01 PM (IST)
MP Politics: भाजपा के मिशन लोटस में शामिल इन पांच पूर्व विधायकों पर है कांग्रेस की नजर
MP Politics: भाजपा के मिशन लोटस में शामिल इन पांच पूर्व विधायकों पर है कांग्रेस की नजर

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में कमल नाथ सरकार गिराने के लिए कांग्रेस के पांच पूर्व विधायक ऐसे थे जो भाजपा के मिशन लोटस एक और दो में शामिल रहे। इनमें में से तीन ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक हैं और इनकी भाजपा में जाने की शर्ते सिंधिया के साथ गए विधायकों जैसी नहीं मानी जा रही हैं। मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच इन पांचों को लेकर असमंजस की स्थिति बनने से कांग्रेस को उम्मीद जागी है कि इनमें से कुछ पार्टी में वापसी कर सकते हैं।

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कमल नाथ सरकार पर मार्च में भाजपा के मिशन लोटस 1 और 2 से संकट आया था। पहले मिशन में कांग्रेस के पांच नेता बिसाहूलाल सिंह, हरदीप डंग, रघुवीर जाटव, कमलेश जाटव और रघुराज सिंह कंषाना, बसपा व सपा के तीनों विधायक के साथ ही निर्दलीय विधायकों को भाजपा ने टारगेट किया था। इनमें से रघुवीर जाटव, कमलेश जाटव और रघुराज सिंह सिंधिया समर्थक माने जाते हैं, लेकिन कहा जाता है कि इनके मिशन लोटस 1 में जाने की सूचना सिंधिया को तब लगी, जब तत्कालीन कमल नाथ सरकार के मंत्रियों ने भाजपा के मिशन को नाकाम कर दिया।

मिशन एक के वादे टूटे

इस मिशन के नाकाम होने के बाद निर्दलीय विधायक व कमल नाथ सरकार के मंत्री प्रदीप जायसवाल का भी बयान आया था कि वे तो कमल नाथ के साथ थे और जो सरकार रहेगी, उसके साथ रहेंगे। इसी तरह रामबाई, सुरेंद्र सिंह शेरा भी मिशन का हिस्सा थे, जिनमें से शेरा तो दिल्ली के बाद पांच दिन बेंगलुर में भी रहे। मिशन एक की राजदार बसपा से निलंबित विधायक राम बाई भी थीं, जिन्होंने हाल ही में मंत्रिमंडल विस्तार में राजफाश भी किया कि उनसे मंत्री बनाने का वादा किया गया था।

सिंधिया समर्थक होने के बाद भी मंत्री पद से दूर होंगे

बताया जा रहा है कि मिशन एक में शामिल कांग्रेस के पांच पूर्व विधायकों में से रणवीर, कमलेश व रघुराज सिंह के साथ भाजपा उनके सिंधिया समर्थक होने के बाद भी अन्य 17 पूर्व विधायकों जैसा व्यवहार करेगी। इन्हें मंत्री पद मिलने की संभावना क्षीण हैं। बिसाहूलाल सिंह और हरदीप सिंह डंग की स्थितियां अलग हैं, जिन्हें सिंधिया समर्थक नहीं होने के बाद भी विशेष महत्व दिया जा सकता है। इधर, कांग्रेस शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर नजर रखे हुए है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इसके बाद भाजपा को न केवल आंतरिक असंतोष का सामना करना पड़ेगा, बल्कि जिनके सहारे कांग्रेस सरकार को गिराया है, वे भी नाराज होंगे। सूत्र बताते हैं कि इसके बाद असंतुष्ट नेताओं की कांग्रेस में वापसी के प्रयास हो सकते हैं।


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