हिज्बुल आतंकी मन्नान वानी की मौत, ट्विटर पर भिड़े गौतम गंभीर और उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के एनकाउंटर में मारे गए आतंकी मन्नान वानी की मौत को लेकर गौतम गंभीर और उमर अब्दुल्ला के बीच ट्विटर वार छिड़ गया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा एनकाउंटर में मारे गए आतंकी मन्नान वानी की मौत को लेकर क्रिकेटर गौतम गंभीर और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बीच ट्विटर वार छिड़ गया है। शुक्रवार को आतंकी मन्नान के एनकाउंटर पर गौतम गंभीर ने कांग्रेस, भाजपा, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को टैग करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने इस ट्वीट में लिखा, 'आपको शर्म से सिर नीचे कर लेना चाहिए, क्योंकि आपके कारण एक युवा किताब से गोलियां चलाने पर मजबूर हुआ है। हमने एक आतंकी, एक कट्टर टैलेंट को मारा है।'
गंभीर के इस ट्वीट के जवाब में उमर अब्दुल्ला ने लिखा, 'इस व्यक्ति (गंभीर) को नक्शे पर मन्नान के घर का जिला भी नहीं पता होगा, मगर ये बात कर रहे हैं कि कैसे एक युवा कश्मीर में बंदूक उठा लेता है। गंभीर को कश्मीर के बारे में उतना ही पता है, जितना मुझे क्रिकेट के बारे में। मुझे क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं मालूम।'
इसके बाद दोनों के बीच ट्वीट पर जंग बढ़ती चली गई। उमर के नक्शे का मुद्दा उठाने पर गंभीर ने ट्वीट में लिखा, 'आप मैप (नक्शे) के बारे में बात मत ही करो, आपने तो कश्मीर को पाकिस्तान के नक्शे में जोड़ने में बहुत मेहनत की है। आप बताओ कि आपने और आपके साथी नेताओं ने कश्मीरी युवा के लिए किया ही क्या है?'
इसके जवाब में उमर ने लिखा, 'हाल ही में मेरी पार्टी के दो साथियों कि आतंकियों ने हत्या कर दी थी। साल 1988 से अब तक पार्टी के हजार से अधिक कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं। मैं राष्ट्रवाद और बलिदान पर आपसे बहस नहीं करना चाहता, जिसको इसका अर्थ ही न पता हो।’
गौतम गंभीर ने इस पर पलटवार करते हुए लिखा कि उमर अब्दुल्ला जी आप अकेले नहीं है, आप जैसे अधिकांश राजनेता हैं, जिन्हें शीशा देखने की आदत नहीं है। यही कारण है कि आज देश में खून बह रहा है। राष्ट्रवाद और बलिदान को वास्तविक चरित्र के पुरुषों की आवश्यकता है, न कि आप जैसे दिखावटी लोगों की, जिनका दिखावटी प्रेम सोशल मीडिया के 280 शब्दों की लिमिट में सीमित है।
गौरतलब है कि 11 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों ने एक बड़े ऑपरेशन के दौरान हिज्बुल मुजाहिदीन के तीन आतंकियों को मार गिराया था। इसमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) का पूर्व छात्र और रिसर्च स्कॉलर मन्नान वानी भी शामिल था। मन्नान हिज्बुल का स्थानीय कमांडर भी था।