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हंगामा और नारेबाजी करने पर आंध्र विधानसभा से टीडीपी के 10 विधायक निलंबित

आंध्र प्रदेश के विधानसभा में 2018-19 के नरेगा बिलों को मंजूरी देने को लेकर नारेबाजी और हंगामा करने के बाद शुक्रवार को तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के दस विधायकों को निलंबित कर दिया गया। लगातार पांचवें दिन टीडीपी सांसद निलंबित हुए हैं।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 02:30 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 02:30 PM (IST)
हंगामा और नारेबाजी करने पर आंध्र विधानसभा से टीडीपी के 10 विधायक निलंबित
आंध्र प्रदेश विधानसभा। (फोटो - एएनआइ )

अमरावती, एएनआइ। आंध्र प्रदेश विधानसभा में नारेबाजी और हंगामा करने के बाद शुक्रवार को तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के दस विधायकों को निलंबित कर दिया गया। 2018-19 के नरेगा बिलों को मंजूरी देने की मांग को लेकर विधायकों ने हंगामा किया। आंध्र प्रदेश विधानसभा सत्र की शुरुआत डेयरी क्षेत्र के विकास और अमूल के साथ साझेदारी पर चर्चा के साथ हुई। इसके बाद विपक्षी विधायकों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने 2018-19 के लिए नरेगा बिलों को मंजूरी देने की मांग करते हुए नारे लगाए। स्पीकर ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।

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सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा। टीडीपी के सांसद स्पीकर के पोडियम के करीब आने की कोशिश की। कुर्सी पर खड़े हो गए और नारा लगाते रहे। इसके बाद सूचना और जनसंपर्क मंत्री पर्णी वेंकटरमैया ने टीडीपी विधायकों के निलंबन का प्रस्ताव रखा। स्पीकर तमिनमनी सीताराम ने टीडीपी के 10 विधायकों को निलंबित कर दिया। इन विधायकों के नाम किंजरापू अटचंदू, वेलगापुड़ी रामकृष्ण बाबू, डोला बाला वीरंजनेय स्वामी, बेंडलम, अशोक, निम्मी रामानायडू, येलुरी सम्बासिवा राव, मंटेना रामाराजू, अंजनी सत्यप्रतापप्रदा , वी जोगेश्वर राव और गोरेंटला बुचिया चौधरी है। लगातार पांचवें दिन टीडीपी के सांसद निलंबित हुए हैं। 

निलंबित विधायकों के साथ, टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और अन्य विधायक सदन से बाहर चले गए। उसके बाद सदन की कार्यवाही चलती रही। इस बीच, टीडीपी एमएलसी ने अमरावती राजधानी मुद्दे पर चर्चा के लिए विधान परिषद में स्थगन प्रस्ताव दिया। परिषद के अध्यक्ष एमए शरीफ ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया। टीडीपी एमएलसी ने सदन में हंगामा खड़ा कर दिया। मंत्री बोटास सत्यनारायण ने पूछा कि विपक्षी दल ने अमरावती की बात को बीएसी में क्यों नहीं रखा। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष डरने वाला नहीं है, वह अमरावती मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन टीडीपी राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए नाटक कर रही है। सत्तारूढ़ पार्टी बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) में तय किए गए सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। 


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