Move to Jagran APP

सीएए कानून को रद करने की उठी मांग, तमिलनाडु विधानसभा में प्रस्ताव पास

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार से की CAA को रद करने की मांग। तमिलनाडु विधानसभा में प्रस्ताव पास। प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि धर्म नागरिकता पाने का आधार नहीं है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 02:01 PM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 02:01 PM (IST)
सीएए कानून को रद करने की उठी मांग, तमिलनाडु विधानसभा में प्रस्ताव पास
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का बड़ा कदम।(फोटो: दैनिक जागरण)

चेन्नई, आइएएनएस। तमिलनाडु विधानसभा ने बुधवार को एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को रद् करने की मांग उठाई है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया है। इसमें उन्होंने केंद्र सरकार से नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को निरस्त करने का आग्रह किया है। विधानसभा में सीएए के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर बोलते हुए स्टालिन ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम शरणार्थियों के साथ उनकी धार्मिक संबद्धता और राष्ट्रीयता के आधार पर भेदभाव करने के लिए बनाया गया था, चाहे उनकी स्थिति कुछ भी हो।

loksabha election banner

प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि धर्म नागरिकता पाने का आधार नहीं है और धार्मिक आधार पर कोई कानून नहीं लाया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि सीएए श्रीलंका में तमिलों के खिलाफ है। स्टालिन ने कहा कि शरणार्थियों को इंसानों की तरह देखा जाना चाहिए और क्या ऐसे कानून की जरूरत है जब लोग सौहार्दपूर्ण ढंग से रह रहे हों।

वहीं, इससे पहले स्टालिन ने कहा था कि श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों के कल्याण के लिए जल्द ही एक समिति का गठन किया जाएगा, जो नागरिकता और श्रीलंका लौटने वालों के लिए व्यवस्था करने जैसे मामलों के अलावा अन्य चीजों पर दीर्घकालिक समाधान की दिशा में काम करेगी। 261.54 करोड़ रुपए शिविरों में रहने वालों के लिए घरों के पुनर्निर्माण व बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए खर्च किए जाएंगे जबकि 12.25 करोड़ रुपए शिक्षा एवं नौकरी के अवसर सुनिश्चित करने के लिए और 43.61 करोड़ रुपए उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए खर्च किए जाएंगे।

स्टालिन ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण को लेकर भी चिंता प्रकट की थी। बीते शुक्रवार को केंद्र से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की और कहा कि वे देश के औद्योगीकरण एवं आत्मनिर्भरता लक्ष्यों में अहम भूमिका निभाते हैं। स्टालिन ने एक दिन पहले विधानसभा में कहा था कि वह इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.