Sushant Rajput Death Case: संजय राउत बोले- CBI जांच के बहाने महाराष्ट्र सरकार को निशाना बनाने की साजिश
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो(CBI)जांच को लेकर शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि यह महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ साजिश है।
मुंबई, एएनआइ। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो(CBI)जांच को लेकर शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि यह महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ साजिश है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग पर्दे के पीछे पटकथा लिख रहे हैं। वो सच छुपाना चाहते हैं। इसलिए दबावतंत्र बनाया जा रहा है। सीबीआइ के कंधे पर बंदूक रख महाराष्ट्र सरकार को निशाना बनाने की ये साजिश है। ऐसे कितने भी चक्रवयूह आप बनाओ हम भेद कर बाहर आ जाएंगे।
राउत ने यह भी कहा कि मुंबई पुलिस एक सक्षम बल है और सच्चाई सामने लाने की पूरी कोशिश कर रही है। वह जब 40-50 दिन की जांच के बाद किसी नतीजे पर आ रही है, तब परेशान करने और भ्रम की स्थिति पैदा करने की कोशिश हो रही है। इसके पीछे कौन है? बिहार सरकार, बिहार के राजनेताओं और बिहार के डीजीपी का चरित्र देखिए आप। वो सीधे एक पॉलिटिकल पार्टी के कार्यकर्ता लगते हैं।
इससे पहले महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री अनिल देशमुख ने शनिवार को कहा कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के केस में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करेगी। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि मुंबई पुलिस इस मामले में पेशेवर तरीके से जांच कर रही है। देशमुख का यह बयान सीबीआइ द्वारा इस केस को अपने हाथों में लेने के दो दिन बाद आया। गौरतलब है कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने सुशांत की मौते के मामले में बिहार सरकार की सिफारिश को केंद्र सरकार ने मान लिया और सीबीआइ जांच की अनुमति दे दी।
गौरतलब है कि सुशांत के पिता केके सिंह ने पटना में दर्ज कराई एक एफआइआर में अपने बेटे की महिला मित्र रिया चक्रवर्ती पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इसी एफआइआर के आधार पर पटना पुलिस की एक टीम जांच करने के लिए मुंबई पहुंची थी। इसके बाद जहां मुंबई और पटना पुलिस के बीच क्षेत्राधिकार का विवाद खड़ा हो गया, वहीं रिया ने एफआइआर को पटना से मुंबई ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर दी। इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने सुशांत की मौत मामले में अब तक की जांच की रिपोर्ट एक बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। कोर्ट ने रिया की याचिका पर 5 अगस्त को सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र से जवाब मांगा था।