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Karnataka Political Crisis: स्पीकर भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसले के लिए वक्त मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस-जेडीएस के 10 बागी विधायकों को निर्देश दिया है कि वह आज शाम 6 बजे कर्नाटक विधानसभा स्‍पीकर से जाकर मिलें।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 08:23 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 04:03 PM (IST)
Karnataka Political Crisis: स्पीकर भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसले के लिए वक्त मांगा
Karnataka Political Crisis: स्पीकर भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसले के लिए वक्त मांगा

नई दिल्‍ली, माला दीक्षित। कर्नाटक के 10 बागी विधायकों की अपील पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस-जेडीएस के 10 बागी विधायकों से कहा है कि वे गुरुवार शाम 6 बजे कर्नाटक विधानसभा अध्‍यक्ष से जाकर मिलें और अपना निर्णय बताएं। इस दौरान अगर वे चाहें, तो अपना इस्‍तीफा दे सकते हैं। विधानसभा स्‍पीकर से कहा है कि वह विधायकों की बात को ध्‍यान से सुनें और अगर चाहें तो तुरंत निर्णय ले सकते।

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 कर्नाटक के बागी कांग्रेस विधायक मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच गए हैं। मुंबई से कर्नाटक तक उन्‍हें पूरी सुरक्षा दी जाएगी। विधानसभा अध्‍यक्ष जो भी निर्णय लेंगे, उससे सुप्रीम कोर्ट को शुक्रवार को अवगत कराया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इन विधायकों को सुरक्षा प्रदान करने का भी निर्देश दिया है। ऐसे में कर्नाटक विधानसभा अध्‍यक्ष भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्‍होंने ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर और वक्त की मांग की है। वहीं, वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से जब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर टिप्‍पणी मांगी गई, तो उन्‍होंने कहा कि कोर्ट ने आदेश दे दिया है, निश्चित रूप से उसका पालन होगा।

कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
कर्नाटक के सियासी नाटक का अगल दृश्‍य क्‍या होगा, इस समय यह बताने में शायद ही कोई सक्षम हो। विधानसभा अध्यक्ष भी अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। कर्नाटक स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर और वक्त की मांग की है। इस अपील में विधानसभा अध्‍यक्ष ने कहा, संवैधानिक कर्तव्य और विधानसभा नियम के मुताबिक, वह यह सत्यापित करने के लिए बाध्य हैं कि विधायकों के इस्तीफे अपनी इच्‍छा या बिना डर के हैं या नहीं! इस तरह की जांच को गुरुवार आधी रात तक पूरा नहीं किया जा सकता। इसलिए उन्‍हें कुछ समय और दिया जाए।

मल्लिकार्जुन बोले- कोर्ट के निर्देश का पालन होगा
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन न हो, इसकी संभावना कम ही होती है। ऐसे में कर्नाटक के 10 बागी विधायकों से विधानसभा स्पीकर के साथ मुलाकात के लिए कहे जाने पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'कोर्ट ने आदेश दे दिया है, निश्चित रूप से उसका पालन होगा। कानून के हिसाब से उन्हें चलना होगा। विधानसभा अध्‍यक्ष को भी नियमों के मुताबिक काम करना होगा।'

बागी विधायक बोले- राहुल गांधी के सम्मान के चलते हमारा समर्थन सरकार के साथ
जेडीएस और कांग्रेस के बीच की दरार एक बार फिर सामने आ गई है। कर्नाटक के बागी कांग्रेस विधायक एस.टी. सोमशेखर ने कहा कि हमारे राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी के सम्मान के चलते हमारा समर्थन इस गठबंधन की सरकार के साथ रहेगा। हालांकि, गठबंधन सरकार द्वारा किए गए वादों से हम संतुष्ट नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि हमने यह फैसला अचानक नहीं लिया हो, हमने पहले भी सूचना दी थी, लेकिन उन्होंने परवाह नहीं की। पिछले तीन दिन से वे हमारे मुद्दों को सुलझाने के लिए सक्रिय हुए हैं। पहले उन्होंने हमारी परवाह क्यों नहीं की? आपने बेंगलुरू डेवलपमेंट अथॉरिटी पर निगरानी के लिए एक आइएएस अधिकारी थोप दिया, क्योंकि मैं बीडीए अध्यक्ष हूं। जब आप (सरकार) इस तरह के फैसले लेते हैं, हमें यह सरकार नहीं चाहिए।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को गुरुवार को ही फैसला लेना होगा कि वह क्‍या करना चाहते हैं। इसके लिए उनके पास शाम 6 बजे तक का समय है। कोर्ट ने कर्नाटक के डीजीपी को सभी बागी विधायकों को सुरक्षा प्रदान करने का भी आदेश दिया। इस बीच बताया जा रहा है कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के कई विधायकों के इस्तीफा देने के बाद उत्पन्न संकट के मद्देनज़र गुरुवार को होने वाली महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक से पहले पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने 'विधान सौध' के आसपास धारा 144 लगाने का आदेश दिया है।

दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष ने यह कहकर असमंजस बढ़ा दिया था कि इस्तीफा देने वाले 13 सदस्यों में से नौ का इस्तीफा प्रारूप के अनुरूप नहीं है। उन्होंने विधायकों को पेश होने को कहा है। ऐसे में मुंबई के होटल में रुके दस विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात करने का आरोप लगाया और कहा कि जानबूझकर इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है ताकि अल्पमत में आई सरकार को बचाया जा सके।

कर्नाटक सियासी नाटक कब थमेगा अभी यह कह पाना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील में विधायकों ने मांग की है कि स्पीकर को आदेश दिया जाए कि इस्तीफा स्वीकार करें। याचिका में यह भी कहा गया कि कांग्रेस ने इन विधायकों की सदस्यता निरस्त करने की मांग की है। हालांकि, इसकी जरूरत नहीं है, क्योंकि विधायकों ने खुद ही इस्तीफा दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ से कहा कि ऐसे मामलों में वक्त की बहुत अहमियत होती है।

इस बीच कर्नाटक में कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार को एक और झटका लगा है। बुधवार को कांग्रेस के दो और विधायकों एमटीबी नागराज और के. सुधाकर ने भी इस्तीफा दे दिया जिससे गठबंधन के बागी विधायकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। इनमें 13 कांग्रेस और तीन जदएस के हैं। एमटीबी नागराज प्रदेश के आवासीय मंत्री और के. सुधाकर राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन भी थे।

राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 113 का है। इसमें विधानसभा अध्यक्ष के अलावा कांग्रेस के 78, जदएस के 37 और बसपा का एक विधायक है। इस तरह गठबंधन विधायकों की कुल संख्या 116 है। दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन से भाजपा की संख्या 107 तक पहुंच गई है। अगर बागी 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर हो गए तो गठबंधन विधायकों की संख्या घटकर 100 रह जाएगी।


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