SC/ST एक्ट को लेकर दायर याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर सकता है सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह SC/ST एक्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं एवं केंद्र की पुनर्विचार याचिका को उचित पीठ के समक्ष एक साथ सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। लोकसभा चुनाव से पहले अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति संशोधन एक्ट पर राजनीति गरमा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति(अजा/अजजा) अधिनियम 2018 के संशोधनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं एवं केंद्र की पुनर्विचार याचिका को उचित पीठ के समक्ष एक साथ सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षा वाली एक पीठ ने कहा कि वह विचार करेगी और जो भी जरूरी होगा, वो किया जाएगा। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने बृहस्पतिवार को यह कहते हुए एक आदेश पारित किया कि अजा/ अजजा कानून 2018 के खिलाफ दायर याचिकाओं एवं केंद्र की समीक्षा याचिका पर एक साथ सुनवाई करना उचित होगा।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचारों की रोकथाम) संशोधन कानून, 2018 पर रोक लगाने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया था। इस संशोधित कानून के जरिए आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं दिए जाने के प्रावधान को बरकरार रखा गया है। संसद ने पिछले साल नौ अगस्त को शीर्ष अदालत के फैसले को पलटने के लिए विधेयक पारित किया था। यह फैसला एससी/ एसटी कानून के तहत गिरफ्तारी के खिलाफ निश्चित संरक्षण से जुड़ा हुआ था।
गौरतलब है कि अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिनमें आरोप लगाया गया था कि संसद के दोनों सदनों ने कानून में 'मनमाने' तरीके से बदलाव करने का निर्णय किया और पूर्व प्रावधानों को इस तरह से बरकरार रखा कि निर्दोष व्यक्ति अग्रिम जमानत के अधिकार से वंचित रहे।