देश भर में लंबित दुष्कर्म के मुकदमों की त्वरित सुनवाई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने भेजा केंद्र को नोटिस
याचिका में देश भर में लंबित दुष्कर्म और पोस्को के तहत बच्चों के यौन शोषण के मुकदमों के कानून में तय समय सीमा में निपटारा सुनिश्चित किये जाने की मांग की गई।
माला दीक्षित, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म के मुकदमों की जल्दी सुनवाई की मांग वाली जनहित याचिका पर केंद्रीय गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। इसके अलावा कोर्ट ने अटार्नी जनरल को भी नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सच्चिदानंद गुप्ता की ओर से दाखिल यह जनहित याचिका सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के दुष्कर्म मामलों के त्वरित निपटारे के लंबित केस के साथ संलग्न कर दी है।
दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने तीन मंत्रालयों को जारी किया नोटिस
यह आदेश न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर व न्यायमूर्ति दिनेश महेश्वरी की पीठ ने सच्चिदानंद की वकील कामिनी जायसवाल और गौरव मेहरोत्रा की दलीलें सुनने के बाद जारी किये। कोर्ट ने जनहित याचिका में पक्षकार बनाए गए तीनों मंत्रालयों के अलावा सुनवाई में मदद करने के लिए अटार्नी जनरल को भी नोटिस जारी किया।
दुष्कर्म मामलों के त्वरित निपटारे के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था
मालूम हो कि दुष्कर्म मामलों के त्वरित निपटारे के मुद्दे पर गत 18 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए देश भर के हाईकोर्ट, पुलिस और सरकारों से ऐसे मुकदमों की स्थिति और लंबित प्रक्रिया का ब्योरा मांगा था। उस मुकदमें में कोर्ट 7 फरवरी को फिर सुनवाई करेगा और उसी के साथ अब इस नयी जनहित याचिका पर भी सुनवाई होगी। स्वत: संज्ञान मामले में कोर्ट ने सालिसिटर जनरल तुषार मेहता को सहयोग करने को कहा था साथ ही वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा को न्यायमित्र नियुक्त किया था।
याचिका में समय सीमा में निपटारा सुनिश्चित किये जाने की मांग की गई
सच्चिदानंद उर्फ सच्चे की याचिका में देश भर में लंबित दुष्कर्म और पोस्को के तहत बच्चों के यौन शोषण के मुकदमों के कानून में तय समय सीमा में निपटारा सुनिश्चित किये जाने की मांग की गई है। याचिका में दुष्कर्म के मुकदमों का जल्द निपटारा सुनिश्चित करने के लिए ऐसे मामलों की जांच और मुकदमें का ट्रायल व अपील पर सुनवाई पूरी करने के लिए क्रिमनल ला एमेंडमेंट एक्ट 2018 में तय की गई समयसीमा का कड़ाई से पालन कराने की मांग की गई है।
तय समय में पूरी सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट दे सभी उच्च न्यायालयों को निर्देश
सुप्रीम कोर्ट से मांग है कि वह सभी उच्च न्यायालयों को निर्देश जारी करें कि वह संशोधित कानून के मुताबिक दुष्कर्म के मुकदमों का ट्रायल और अपील पर सुनवाई तय समय में पूरी करे। इतना ही नहीं याचिका में जस्टिस जेएस वर्मा कमेटी की रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को भी लागू करने की मांग की गई है।