गुजरात में फर्जी मुठभेड़ों पर सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जज से जानकारी मांगी
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एचएस बेदी को गुजरात की पुलिस मुठभेड़ों की जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2002 से 2006 तक गुजरात में हुई 24 फर्जी मुठभेड़ों की निगरानी कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) एचएस बेदी से पूछा है कि क्या अपनी रिपोर्ट सौंपने से पहले उन्होंने कमेटी के अन्य सदस्यों की राय या सलाह ली है।
देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को गुजरात सरकार ने अपनी रिपोर्ट सौंपी और यह भी कहा कि कमेटी ने मामले की रिपोर्ट सौंपने से पहले कमेटी ने कोई सलाह या राय नहीं ली है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एचएस बेदी को गुजरात की पुलिस मुठभेड़ों की जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। निगरानी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट इस साल फरवरी में ही सीलबंद लिफाफे में अदालत को सौंप दी थी।
खंडपीठ में शामिल जस्टिस केएम जोसेफ और संजय किशन कौल ने मामले की अगली सुनवाई अगले साल नौ जनवरी को सुनिश्चित कर दी है। खंडपीठ फिल्म गीतकार जावेद अख्तर और वयोवृद्ध पत्रकार बीजी वर्गीज (अब मृत) की याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिकाकर्ताओं ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करने को कहा है। जबकि राज्य सरकार इस पर आपत्ति जताई है। सरकार का कहना है कि यह स्पष्ट नहीं है कि अंतिम रिपोर्ट में जताए गए विचार जस्टिस बेदी के अकेले के थे या उसे कमेटी के अन्य सदस्यों के साथ साझा किया था।