सुप्रीम कोर्ट ने सभी वोटों का वीवीपैट से मिलान कराने की मांग ठुकराई, टीएमसी नेता की याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस नेता गोपाल सेठ की सभी वोटों का वीवीपैट से मिलान कराने की मांग खारिज कर दी। सर्वोच्च अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह चुनाव प्रक्रिया के बीच में दखल नहीं देंगे।
नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तृणमूल कांग्रेस नेता गोपाल सेठ की सभी वोटों का वीवीपैट से मिलान कराने की मांग खारिज कर दी। सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह चुनाव प्रक्रिया के बीच में दखल नहीं देंगे। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को याचिकाकर्ता गोपाल सेठ से पूछा कि क्या उन्होंने इस विषय को चुनाव आयोग के समक्ष भी रखा है।
इस पर गोपाल सेठ के वकील ने कोर्ट (Supreme Court) से सौ फीसद मतों का वीवीपैट से जांच कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि इससे चुनाव नतीजों में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। वकील ने कहा कि चुनाव आयोग को भी उसने लिखा था और चुनाव आयोग ने जवाब में सहमति जताई है लेकिन इसके लिए कोर्ट (Supreme Court) का आदेश चाहिए होगा इसलिए कोर्ट (Supreme Court) आदेश दे।
वकील ने कहा कि वह कोर्ट (Supreme Court) से चुनाव प्रक्रिया में दखल देने की मांग नहीं कर रहे हैं लेकिन निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव के अधिकार के लिए वह ऐसी मांग कर रहे हैं। परंतु कोर्ट दलीलों से प्रभावित नहीं हुआ और याचिका खारिज कर दी। हालांकि कोर्ट (Supreme Court) ने यह जरूर कहा कि वह याचिकाकर्ता की निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव के अधिकार की बात से सहमत हैं।
उल्लेखनीय है कि अप्रैल, 2019 में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव के दौरान हर विधानसभा क्षेत्र में पांच पोलिंग बूथों पर ईवीएम का वीवीपैट स्लिप से मिलान अनिवार्य रूप से करना होगा। साथ ही यह भी कहा कि इससे नासिर्फ राजनीतिक दलों को संतोष मिलेगा बल्कि सभी मतदाताओं को भी उचित लगेगा। मालूम हो कि पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। बंगाल में आठ चरणों में चुनाव हो रहा है। मतदान समाप्त होने के बाद दो मई को मतों की गणना होगी और नतीजे घोषित होंगे।